आजादी के बाद भूमि सुधार की बात तो हुई लेकिन यह किसी पार्टी के एजंडे में नहीं रहा। विषमताओं और गैरबराबरी वाले भारत में इस बुनियादी मुद्दे को भुला महाजनों और मानसून पर निर्भर किसानों को विश्व बाजार के मंच पर अकेला छोड़ दिया गया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर सभी सरकारें चुप हैं। जब लोगों के जीने-मरने का सवाल पैदा हो रहा हो तो उनके सामने नोटबंदी और डिजिटल...
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हमें और मंदसौर नहीं चाहिए-- शशिशेखर
दसौर की घटना पर आंसू बहाने वाले दिल कड़ा कर लें, क्योंकि असंतोष की चिनगारियां देश के कई हिस्सों में छिटक रही हैं। कारण? गांवों और कस्बों में रहने वाली देश की बड़ी आबादी के लिए ताकतवर भारतीय राष्ट्र-राज्य अब भी दूर की कौड़ी है। क्या हमें इस बात पर शर्म नहीं आनी चाहिए कि कृषि-प्रधान कहलाने वाले देश की कोई कारगर ‘राष्ट्रीय कृषि नीति' नहीं है? 1947 से अब...
More »अन्नदाता क्यों गोली खाये?-- राकेश पाठक
ध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को किसान का बेटा, धरतीपुत्र आदि बताते नहीं थकते, लेकिन उनके राज में अन्नदाता किसान किस कदर जुल्म का शिकार है, इसकी कथा मंदसौर में लिख दी गयी. बीते मंगलवार को मालवा की धरती किसानों के खून से सींची गयी. पुलिस की बर्बरता ने छह किसानों के सीने गोलियों से छलनी कर दिये. अब भी किसानों के सीने में आग धधक रही...
More »मंदसौर हिंसाः देवास में भी आगजनी, 4 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद
मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और फसलों की उचित कीमत मांगने को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। यहां कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दिये गए हैं। जिन जिलों के मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद किये गए हैं उनके नाम रतलाम,नीमच, मंदसौर और उज्जैन हैं। इसके अलावा कई जगह गाड़ियों में आग लगा हाईवे बंदकर दिया गया है। बता दें कि कथित रूप से पुलिस फायरिंग...
More »प्रदेश में दस साल और बनी रहेगी डॉक्टरों की कमी
भोपाल। डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे मध्यप्रदेश में यह दिक्कत आने वाले दस साल तक बनी रह सकती है। इसकी वजह मप्र का देश के उन राज्यों में शामिल होना है, जहां सबसे कम मेडिकल कॉलेज है। प्रदेश में शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों की संख्या मिला भी दी जाए तो भी कुल 18 ही कॉलेज है, जबकि अन्य राज्यों में यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा है। प्रदेश में...
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