डाउन टू अर्थ, 28 जुलाई दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) पृथ्वी का सबसे अहम सालभर होने वाला जलवायु उतार-चढ़ाव है। गर्म अल नीनो और ठंडे ला नीना चरणों के बीच अनियमित रूप से बदलाव करते हुए, यह समुद्र की सतह के तापमान में बदलाव लाता है और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हवा और वर्षा के पैटर्न में गड़बड़ी पैदा करता है। अल नीनो के विपरीत, जो आम तौर पर एक वर्ष तक रहता है, ला...
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बांग्लादेश में बढ़ता जलवायु विस्थापन, भारत के लिए चेतावनी
कार्बनकॉपी, 24 जुलाई बांग्लादेश में जलवायु शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है। अभी वहां 71 लाख शरणार्थी हैं जिनकी संख्या 2050 तक 1.33 करोड़ हो सकती है। बांग्लादेश में विस्थापितों को बसाने के लिये पर्याप्त उपयुक्त जमीन नहीं है। कृषि और रोजगार चौपट होने से यह शरणार्थी भारत का रुख कर रहे हैं। भारत में नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश से शरणार्थियों का दबाव बढ़ेगा। कौशल विकास के जरिए विस्थापितों को अन्य देशों में रोजगार...
More »बढ़ते जलवायु संबंधी खतरों के साथ, अनुकूलन के लिए तैयार होते किसान
मोंगाबे हिंदी, 20 जुलाई फरवरी के अंत में, भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR), गेहूं के लिए एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान, ने भारत में किसानों को तापमान में अचानक वृद्धि के मामले में गेहूं की फसलों पर पोटेशियम क्लोराइड का छिड़काव करने की सलाह देते हुए एक सलाह जारी की। यह देश के कुछ गेहूं उगाने वाले क्षेत्रों में सामान्य से 10 डिग्री अधिक तापमान के कारण होने वाली गर्मी...
More »लगातार दूसरे दिन गर्मी ने बनाया रिकॉर्ड, 17.18 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा वैश्विक औसत तापमान
डाउन टू अर्थ, 07 जुलाई वैश्विक स्तर पर बढ़ता तापमान नित नए रिकॉर्ड बना रहा है। जुलाई में अल नीनो के आगाज के साथ ही बढ़ते तापमान ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इस बारे में अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रिडिक्शन (एनसीईपी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार चार जुलाई 2023 को अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया था। जब वैश्विक औसत तापमान 17.18...
More »बिहार: किशनगंज पर जलवायु परिवर्तन की मार, खेतों में ही जल जा रही हैं फसलें
जनचौक, 3 जुलाई नीति आयोग 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, किशनगंज बिहार का सबसे गरीब जिला है। जिसकी 64.75 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। उसके बाद कटिहार का नंबर आता है। वहीं जलवायु परिवर्तन से संबंधित ‘क्लाइमेट वल्नरेबिलिटी असेसमेंट फॉर एडाप्टेशन प्लानिंग इन इंडिया यूजिंग ए कॉमन फ्रेमवर्क’ के अनुसार भारत में जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक खतरा जिन 50 जिलों में हैं। उनमें से चौदह बिहार में...
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