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कोरोना संकट से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मोदी सरकार के पास क्या हैं रास्ते

-बीबीसी,  पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को केंद्र सरकार की ओर से आए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज़ को नाकाफ़ी बताया है. उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर से 10 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का दस फीसदी वाला पैकेज़ जारी होना चाहिए क्योंकि वर्तमान पैकेज़ ने कई क्षेत्रों जैसे ग़रीबों, प्रवासियों, किसानों, मजदूरों, कामगारों, छोटे दुकानदारों, और मध्य वर्ग की उचित मदद नहीं की है. वहीं, बीजेपी की...

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कोरोना: लॉकडाउन में मनरेगा योजना बन गई है मज़दूरों की लाइफ़लाइन

-बीबीसी,  छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी रोज़गार गारंटी योजना में पूरे देश में सबसे अधिक मज़दूरों को काम देने का दावा किया है. भारत सरकार के शनिवार तक के आंकड़ों के अनुसार ई-मस्टर रोल में दर्ज संभावित कार्यशील मज़दूरों की संख्या छत्तीसगढ़ में 23,26,252 है. मज़दूरों की यह संख्या पूरे देश में सबसे अधिक है. इसके अलावा पिछले 9 दिनों में ही छत्तीसगढ़ ने 1 करोड़ 89 लाख मानव दिवस का रिकार्ड...

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कोरोना संकट में मज़दूरों को ग़ुलामों में बदलता पूंजीवाद

-न्यूजक्लिक,  जब 7 मई की रात को यह लेख लिखा जाने लगा कि किस तरह वर्तमान में कोरोना संकट के दौर में पूँजीवाद का घिनौना चेहरा बेनकाब हो रहा है और प्रवासी मज़दूर बंधुआ मज़दूरों में बदल रहें है तो लिखते लिखते घर लौटते हुए प्रवासी मजूरों की मृत्यु के आंकड़े खोजने के चक्कर में यह अधूरा रह गया। फिर सोचा कि लेख अगले दिन पूरा होगा परन्तु जब सुबह हुई...

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विश्लेषण: पूरे भारत में लॉकडाउन से कितना काबू आया कोरोनावायरस?

-डाउन टू अर्थ, भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जिसने 42 दिन के लॉकडाउन का सामना किया। लगभग 130 करोड़ लोग कोरोनावायरस से होने वाली बीमारी (कोविड-19) को फैलने से रोकने के लिए अपने घरों में बंद रहे।  दो चरणों का लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकारी अधिकारियों ने दावा किया कि इन लॉकडाउन से कई फायदे हुए हैं। इनमें से एक बड़ा फायदा यह हुआ कि भारत ने कोरोनावायरस के...

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कोविड-19: महज एक तिहाई प्रवासी मजदूरों को ही मिल रहा राहत घोषणाओं का फायदा

-डाउन टू अर्थ, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) के आकलन के मुताबिक, कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर जो राहत उपाय किए गए हैं, उसका लाभ देश के प्रवासी कामगारों के महज एक तिहाई हिस्से तक ही पहुंच पाया है। आईएचडी के आकलन के अनुसार अल्पकाल के लिए काम की तलाश में बार-बार आने-जाने वाले करीब 5 करोड़ प्रवासी सरकार की लाभुकों की शिनाख्त प्रक्रिया से बाहर हैं। इंस्टीट्यूट ने ये अनुमानित आंकड़े 2...

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