इंडियास्पेंड, 01 मार्च "मुंबई में सैलून की दुकान पर काम कर किसी तरह बेटे राजा को पढ़ा रहा था। वह पढ़ने में अच्छा था तो सोचा था कि हमारी गरीबी खत्म करेगा। लेकिन ऊपर वाले को तो कुछ और ही मंजूर था। मुझे अब भी विश्वास नहीं होता कि मेरा बेटा आत्महत्या कर सकता है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था।" शाहजहांपुर जिले के कांट पश्चिमी पट्टी के रहने वाले 48 वर्षीय...
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आदिवासियों के दावों को खारिज करने का उपकरण बना मध्यप्रदेश का वन मित्र पोर्टल
डाउन टू अर्थ, 26 फरवरी 13 फरवरी, 2019 को, वन अधिकार अधिनियम, 2006 (एफआरए) की संवैधानिकता से संबंधित एक मामले में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों को उन एफआरए दावेदारों को बेदखल करने का निर्देश दिया, जिनके व्यक्तिगत वन अधिकार के दावे खारिज कर दिए गए थे। शीर्ष अदालत ने देश के 20 राज्यों में 11,91,273 आदिवासियों को बेदखल करने का आदेश दिया था। आदिवासियों और अन्य पारंपरिक वन निवासियों (ओटीएफडी)...
More »बिहार के 10 लाख लोगों को तबाही से बचाने के लिए जरूरी है, कोशी का समग्र विकास
जनचौक, 26 फरवरी\ कोशी नदी के दोनों तटबंधों के बीच निवास करने वाले करीब दस लाख लोगों की बदहाली के किस्से परत-दर-परत उजागर हुए। अवसर कोशी जन आयोग की रिपोर्ट को जारी करने के लिए हुए दो दिवसीय सम्मेलन का था। सम्मेलन में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर के अलावा कई पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता व कोशी क्षेत्र के पीडित लोग शामिल हुए। सम्मेलन में कोशी क्षेत्र की समस्याओं को चिन्हित किया...
More »मोदी सरकार द्वारा धीरे-धीरे मनरेगा का गला घोंटने का काम किया जा रहा है
द वायर, 26 फरवरी केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के आवंटन में सबसे भारी कटौती मौजूदा बजट में की गई है. इस मद में सिर्फ 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो कि अब तक की सबसे कम राशि है. इसके अलावा मनरेगा के तहत ऐप आधारित हाजिरी दर्ज करने की प्रणाली – नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग...
More »भारत के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है लैंटाना
डाउन टू अर्थ, 26 फरवरी यह किसी भी प्रजाति के लिए आसान नहीं है कि वह उन मूल प्रजातियों से बेहतर प्रदर्शन करे जो पहले से ही स्थानीय परिवेश के अनुकूल हों। लेकिन, सजावटी झाड़ी लैंटाना (लैंटाना कैमारा) ने आक्रामक फैलाव की कला में महारत हासिल कर ली है और अपने कौशल को लगातार निखार भी रही है। लैंटाना पहली बार 1800 के दशक की शुरुआत में लैटिन अमेरिका से भारत आई...
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