SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 353

खुदरा खैर करे- सुधीरेंद्र शर्मा(तहलका,हिन्दी)

  रिटेल क्षेत्र में एफडीआई के फैसले को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. मगर क्या यह हमारे हर मर्ज की दवा है जैसा कि सरकार हमें समझाती रही है? सुधीरेंद्र शर्मा का आकलन  जाकी रही भावना जैसी एफडीआई देखी तिन तैसी खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर छिड़ी राजनीतिक रस्साकशी ने तुलसीदास की इन पंक्तियों को पुनः सार्थक किया है. एकल ब्रांड कारोबार में 51 और मल्टी-ब्रांड कारोबार में 100...

More »

अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील

जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...

More »

अन्न स्वराज- वंदना शिवा

भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...

More »

पशुधन का कुपोषण से क्या रिश्ता है ?

हम जानते हैं कि कुपोषण का बोझ देश के जमीर और जेब दोनों पर भारी है।हम यह भी जानते हैं कि बाल-कुपोषण से छुटकारा पाना बड़े साहस और धैर्य की मांग करता है। लेकिन कुपोषण से छुटकारा पाने की स्थिति में जो आर्थिक फायदे होंगे- क्या हमें उन फायदों के बारे में पता है? एफएओ की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत बाल-कुपोषण को खत्म करके अपनी आय में 28 अरब अमेरिकी डॉलर का इजाफा कर सकता है।यह बड़े आर्थिक...

More »

जरूरी हैं छोटे राज्य- परंजय गुहाठाकुरता

उत्तर प्रदेश विधानसभा ने देश के सबसे बड़े राज्य को चार हिस्सों में बांटने का जो प्रस्ताव पारित किया है, वह एक अच्छा और स्वागतयोग्य कदम है। अमेरिका जैसा देश, जिसकी आबादी 30 करोड़ है, वहां 50 राज्य हैं। दूसरी ओर हमारे देश की आबादी अब 121 करोड़ के पार हो गई है, लेकिन हमारे यहां केवल 28 राज्य और सात केंद्र शासित प्रदेश हैं। गौर करने वाली बात है...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close