नई दिल्ली. कम निवेश में गांवों के कच्चे मकानों को पक्का करने के साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखने की दिशा में आईआईटी दिल्ली, मद्रास और मुंबई मिलकर इको-फ्रेंडली सीमेंट बना रहे हैं। जिसके निर्माण में कम कार्बन का उत्सर्जन होगा। दरअसल इस तकनीक को स्विस की एक संस्था ईपीएफएल ने इजाद किया है और क्यूबा में घरों के निर्माण इस इको-फ्रेंडली सीमेंट से हो रहे हैं। विश्व की सीमेंट...
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अगले महीने से स्वाइन फ्लू की दवाएं मिलना मुश्किल!
भोपाल (नप्र)। प्रदेश में स्वाइन फ्लू की दस्तक के बीच चिंता की बात यह है कि अगले महीने से अस्पतालों में इसकी दवा (टेमी फ्लू) मिलना मुश्किल है। दरअसल, केन्द्र सरकार ने दवा देने से हाथ खींच लिए हैं। वहीं पिछले सालों में आई दवाएं इसी महीने एक्सपायर हो रही हैं। यही नहीं बड़ी दिक्कत ये भी है कि बाजार में स्वाइन फ्लू की दवाएं नहीं मिल रही हैं। इधर विशेषज्ञों...
More »किसानों के लिए आनेवाले दिन बहुत भारी- देविंदर शर्मा
भारतीय मॉनसून के लिए अल नीनो, एक विलेन की तरह माना जाता है. अल नीनो की मार से ऑस्ट्रेलिया और भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अल नीनो से सामान्य मॉनसून की हालत बिगड़ने का अंदेशा है, जिससे बारिश कम होने की आशंका जतायी जा रही है. देश के मौसम विभाग ने इस वर्ष अल नीनो के आने की 70 फीसदी तक उम्मीद जतायी है. दरअसल, मॉनसून के सबसे बीचवाले...
More »भारतीय मॉनसून की विशेषताएं- बालसुब्रमण्यम एल
भारतीय जलवायु के बारे में कहा जाता है कि यहां केवल तीन ही मौसम होते हैं- मॉनसून पूर्व, मॉनसून और मॉनसून के बाद का मौसम. हालांकि, यह भारतीय जलवायु पर एक हास्योक्ति है, फिर भी मॉनसून पर मौसम की पूर्ण निर्भरता को अभिव्यक्ति देती है. मॉनसून के विभिन्न आयामों व इसके कमजोर होने के परिणामों और प्रभावों के विश्लेषण का एक प्रयास.. वर्षा की दृष्टि से भारत बड़ा में बड़ा विरोधाभास...
More »मौसम की अटकलों से बढ़ती दुविधा - प्रमोद भार्गव
बरसात से पूर्व मौसम विभाग द्वारा मानसून की भविष्यवाणियों में फेरबदल चिंता का सबब बन रहा है। मई की शुरुआत में सामान्य से पांच फीसद कम बारिश की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन 9 जून को औसत से सात प्रतिशत कम वर्षा का अंदेशा जताया गया। यानी आज भी हमारा मौसम विभाग सटीक भविष्यवाणी करने की स्थिति में नहीं है। इस पर चिंतित होना इसलिए लाजिमी है, क्योंकि पिछले कुछ...
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