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एक पखवाड़े में पांच श्रमिकों की मौत, 15 घायल

राउरकेला। सुंदरगढ़ जिले में स्थित औद्योगिक इकाइयों में दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस पखवाड़े काम के दौरान दुर्घटना में 5 श्रमिकों की मौत एवं 15 से अधिक घायल हुए हैं। श्रमिक नेता इसके लिए प्रबंधन व फैक्ट्री एंड ब्रायलर विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं प्रबंधन व सुरक्षा विभाग अधिकारी व्यक्तिगत भूल के कारण दुर्घटना होने की बात कह रहे हैं। सुरक्षा की अनदेखी करने वाले संयंत्रों के खिलाफ मुकदमा कर कार्रवाई भी की...

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नालको पूंजी विनिवेश के विरोध में प्रदर्शन

भुवनेश्वर। नालको से पूंजी विनिवेश का विरोध करते हुए सीआईटीयू की ओर से आज राजभवन के सम्मुख धरना दिया गया। नालको जैसे लाभ कमा रही सरकारी संस्थान से पूंजी हटाने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण एवं जन विरोधी बताते हुए सिटू के लम्बोदर नायक ने कहा कि इसके खिलाफ जन आन्दोलन छेड़ा जाएगा। श्री नायक ने कहा कि सेल, एनटीपीसी, एनएमडीसी, नेईभेली लिगनाईट जैसे 10 राष्ट्रीयकृत उद्योगों से सरकार 40 हजार करोड़ रुपया पूंजी विनिवेश करने...

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अनाथों की जिंदगी में उजियारा लाता एक शख्स

घाटशिला [पूर्वी सिंहभूम] नक्सली हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित घाटशिला में चारों तरफ दहशत है। यहा चप्पे -चप्पे पर अ‌र्द्वसैनिक बल के जवानों की आहट सुनने को मिल रही है, लेकिन इसी दहशतजदा माहौल के बीच एक शख्स ऐसा भी है जो दर-दर की खाक छानते हुए मानवता की अलख जगा रहा है। पिता से महज तीन रुपये नहीं मिल पाने के कारण स्कूल की पढ़ाई छोड़ देने वाले 46 वर्षीय काठा सिंह, घाटशिला से...

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श्रमिक बहुल सात नए क्षेत्रों में खुलेगा औषधालय

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने श्रमिक बहुल सात नए क्षेत्रों में औषधालय खोलने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मेहनतकश मजदूरों को बेहतर और नि:शुल्क इलाज की सुविधा देने के लिए छत्तीसगढ़ में सात नए श्रमिक बहुल क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। इन क्षेत्रों में रायपुर जिले के बैकुण्ठ-तिल्दा, भाटापारा, बलौदाबाजार और मंदिरहसौद, धमतरी जिले का धमतरी, दुर्ग जिले का नगर निगम क्षेत्र...

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निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...

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