बीते सोमवार को जीएसटी कौंसिल की बैठक के बाद आगामी एक जुलाई से इस एकीकृत परोक्ष कर प्रणाली को लागू करने की बात कही गई है। चूंकि नोटबंदी के बाद सरकार देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की ओर अग्रसर है, ऐसे में एक जुलाई से जीएसटी की शुरुआत मददगार होगी। साथ ही जीएसटी की तिथि व दरें सुनिश्चित हो जाने के कारण आगामी बजट में अप्रत्यक्ष कर का अनुमान...
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प्रदूषण के लिए सरकार जिम्मेवार-- डा. भरत झुनझुनवाला
देश के तमाम शहरों में वायु प्रदूषण ने गंभीर रूप धारण कर लिया है. लोग बीमार हो रहे हैं, परंतु सरकार निष्क्रिय है. सरकार के इस कृत्य को समझने के लिए प्रदूषण का गरीब तथा अमीर पर अलग-अलग प्रभाव को समझना होगा. अर्थशास्त्र में दो तरह के माल बताये जाते है- व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक. व्यक्तिगत माल वे हुए, जिन्हें व्यक्ति अपने स्तर पर बाजार से खरीद सकता है जैसे चाय...
More »रोटी, छुट्टी और चिट्ठी से चलती जिंदगी-- विभूति नारायण राय
अंग्रेजी की एक कहावत है- ‘आर्मी मार्चेज ऑन इट्स बेली'। हिंदी में अनुवाद करें, तो कह सकते हैं कि लड़ने के लिए सेना का पेट भरा होना जरूरी है। बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के वायरल हुए वीडियो के अंदर कई अंतर्कथाएं छिपी हैं। वीडियो देखते हुए मुझे बीएसएफ में बिताए अपने दस साल याद आ रहे हैं। पाठकों की जानकारी के लिए बता दूं कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स या...
More »ऐसे तो नहीं रुकेंगी किसानों की आत्महत्याएं -- के सी त्यागी
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014-2015 के दौरान आत्महत्या के मामलों में 42 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में 5,650 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई थी, जो वर्ष 2015 में बढ़कर 8,007 तक पहुंच गई। तस्वीर इतनी भयानक तब है, जब इस श्रेणी से कृषि मजदूरों द्वारा की गई आत्महत्या की संख्या बाहर रखी गई है। वर्ष 2014 में कुल 6,710...
More »ढाई साल का ऐतिहासिक सफरनामा-- एम वेंकैया नायडू
यूपीए के एक दशक के दागदार शासन के बाद हमने शुरुआत की थी, तब से लेकर आज दुनिया की सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में एक गिने जाने तक, यानी एनडीए-दो के ढाई साल के शासनकाल में भारत की तरक्की की कहानी कई परिवर्तनकारी कदमों के सहारे आगे बढ़ी है। इन कदमों ने न सिर्फ देश की छवि दुनिया भर में निखारी, बल्कि देश के नागरिकों के जीवन-स्तर...
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