ओड़िशा के जाजपुर जिले के एक छोटे-से आदिवासी बहुल गांव में इस साल मार्च से जून के बीच कुपोषण से बारह बच्चों की मौत हो गई। पौने तीन सौ की आबादी वाले इस गांव में पांच से बारह साल के तिरासी बच्चों में एक तिहाई से ज्यादा का कुपोषित होना एक बड़े खतरे की तरफ संकेत करता है। यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है। असल स्थिति क्या है, इसका...
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शाक-मांस के बीच मुल्क- नासिरुद्दीन
हमारे मुल्क के खान-पान का मिजाज मांसाहार नहीं है या इस मुल्क की बड़ी आबादी शाकाहारी है- यह भ्रम है. मिथक है. तथ्य से परे है. फिर भी ऐसा क्यों है कि हमारा मानस इसे मानने को तैयार नहीं होता है. हमें यह क्यों लगता है कि यह मुल्क असलियत में शाकाहारी है और कुछ समूह या समुदाय ही मांसाहारी हैं. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के जून में आये...
More »रूढ़ियों को तोड़ रहीं डिजिटल महिलाएं-- ओसामा मंजर
पिछले दिनों मेरी मुलाकात लिपिका से हुई। वह असम के सोनापुर की हैं। स्कूली शिक्षा के लिए उन्हें जद्दोजहद तो करनी ही पड़ी, कॉलेज में दाखिला लेने के लिए भी माता-पिता को खूब मनाना पड़ा। कुछ वर्षों पहले उनकी नजर सामुदायिक सूचना संसाधन केंद्र (सीआईआरसी) पर पड़ी। यह सीखने की उनकी ललक है कि आज वह उस केंद्र की कंप्यूटर प्रशिक्षक हैं। वह कहती हैं, मेरी मां ने बताया था...
More »बढ़ रही मानसिक रोगियों की संख्या
भारत में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें डिप्रेशन व डिमेंशिया समेत अनेक प्रकार की दिमागी बीमारियां शामिल हैं. ‘द लेंसेट' के मुताबिक, आगामी दशक में भारत में इस बीमारी की चपेट में आनेवालों की संख्या बढ़ सकती है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसका समग्र इलाज कैसे मुमकिन हो सकता है. इसलिए इस समस्या से निजात पाने के लिए समग्र नजरिया अपनाना होगा़...
More »जीएसटी लागू होने के झटके भी --- राजीव रंजन झा
मॉनसून सत्र में संसद में सबसे ठोस कार्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराना है. हालांकि, राजनीतिक शोर-शराबे वाले मुद्दे अक्सर ही ठोस कार्य को दबा देते हैं, फिर भी उम्मीद है कि मोदी सरकार इस सत्र में जीएसटी पारित कराने में सफल हो सकती है. क्षेत्रीय दलों ने जीएसटी को समर्थन देने की घोषणा करके इस उम्मीद को संबल दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने पहले...
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