आज से साढ़े पांच साल पहले ग्राम न्यायालय एक्ट 2008 अमल में आया था. इसको लेकर देश के सत्ता-वर्ग ने उम्मीदों की हवा कुछ ऐसी बांधी थी, मानो अब गांवों में रामराज्य आने ही वाला है. कहा गया था कि अब देश में हर किसी को न्याय मिल सकेगा, क्योंकि यह एक्ट बनाया ही गया है निर्धन और ग्रामीण जनता को उसके दरवाजे पर पहुंच कर इंसाफ देने के लिए....
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यूपी - बेमौसम बारिश से तबाह किसानों के साथ मुआवजे के नाम पर मजाक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश से बर्बादी के कगार पर पहुंचे किसानों को कुदरती कहर से कहीं ज्यादा दर्द सरकारी अब मुआवजे के नाम पर दिया जा रहा है। एक तरफ फसलों की तबाही तो दूसरी ओर सदमे से टूटती सांसों से कृषक परिवारों पर दोहरी मार पड़ी है। बादलों की गडगड़ाहट अब भी किसानों में खौफ पैदा कर देती है, इसके बावजूद दूसरों का पेट भरने वाले किसानों...
More »थम क्यों जाते हैं बेटियों के कदम- ऋतु सारस्वत
हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली समेत सभी केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बहाली में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है। निश्चय ही, यह कदम देश की आधी आबादी के ‘सशक्तीकरण' में महती भूमिका निभाएगा। गौरतलब है कि भारतीय पुलिस सेवा में महिलाओं की संख्या पिछले वर्ष ही एक लाख को पार कर गई थी। हालांकि सच यह भी है कि कुल पुलिस बल में...
More »फसल बर्बादी की हताशा में 31 और किसानों की मौत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम के उलटफेर से हुई फसलों की बर्बादी अब तक किसानों की अकाल मौत की वजह बनी हुई है। उजड़ी फसल और अपनों को खोने से गमजदा परिवार सांसत में हैं। आंधी-पानी से हुए नुकसान की कोई भरपाई होती न देख असहाय किसानों की या तो सदमे से मौत हो जा रही है या हताशा और निराशा में आत्महत्या कर रहे हैं। बीते 24 घंटे में...
More »जाना-पहचाना है किसानों का संकट - देविंदर शर्मा
रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए बड़े राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने बैंकों को निर्देश भी दिया है कि वे कृषि कर्जों को पुनर्गठित करें। उन्होंने बीमा कंपनियों को भी दावों को निपटाने में तत्परता से काम करने की नसीहत दी है। प्रधानमंत्री ने देश को आश्वस्त किया कि संकट के समय किसानों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है। यह निस्संदेह एक स्वागतयोग्य कदम...
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