"पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं" वाली कहावत सुनकर मैं अक्सर सोचता हूं कि पालने में नामुराद पांव ही क्यों देखे जाते हैं? शायद, इसलिए कि पांव देखने से पूत के चाल-चलन का पता चलता है। भान होता है कि पूत के पांव आगे किस ओर जाएंगे, कहां रूके-टिकेंगे और कहां फिसलेंगे। चूंकि नई सरकार और उसके मुखिया ने अभी बस सौ दिन पूरे किए हैं, सो उसके...
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बेटियों की शिक्षा के लिए दो नए कार्यक्रम
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने प्राथमिक शिक्षा में दो नए कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इनमें एक बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और दूसरा पढ़े भारत, बढ़े भारत कार्यक्रम शामिल हैं। यहां राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ बैठक के दौरान इन कार्यक्रमों की आधिकारिक शुरुआत की गई। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत लड़कियों को बचाने, उनकी परवरिश और शिक्षा पर विशेष फोकस करना है। स्कूलों में...
More »नक्सली दहशत के चलते गांव छोड़ गए आदिवासी लाए जाएंगे वापस
जगदलपुर (ब्यूरो)। नक्सल दहशत के चलते अपना घरबार छोड़कर पड़ोसी प्रदेशों में कई वर्षों से निर्वासित जीवन गुजार रहे दक्षिण बस्तर के आदिवासियों को सुरक्षित उनके गांव लाकर फिर से बसाने की कवायद की जा रही है। गांव छोड़कर गए ज्यादातर ग्रामीण सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के हैं। लगभग 25 हजार आदिवासी कोंटा से सटे तेलंगाना के खम्मम व वारंगल जिले के ग्रामीण इलाकों में रह रहे हैं। आडिशा के...
More »नशे में डूबते केरल को बचाएं - पत्रलेखा चटर्जी
आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है कि जो केरल अपनी उच्च साक्षरता दर और मानव विकास में उल्लेखनीय प्रगति के लिए जाना जाता है, वही शराब के उपभोग के मामले में भी पूरे देश में अव्वल है। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार की हालिया घोषणा के साथ ही यह सवाल एक बार फिर से चर्चा में है। यहां के मुख्यमंत्री ओमन चांडी कहते...
More »आप भी शुरू करें अपना रेडियो स्टेशन- आर के नीरद
मित्रों, पिछले अंक में हमने बात कि कैसे आप भी अपना अखबार निकाल सकते हैं और उसके जरिये गांव-पंचायत में बदलाव ला सकते हैं. इस अंक में हम बात कर रहे हैं सामुदायिक रेडियो की. आप जानते हैं कि जब गांवों में अखबार नहीं पहुंचा था, तब रेडियो ही लोगों के मनोरंजन, ज्ञान और सूचना का बड़ा माध्यम था. आज भी वहां रेडियो के कार्यक्रम और समाचार सुने जाते हैं,...
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