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मांग के कंधे पर बैठी महंगाई

नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। कदम रुके थे, पैर में बंधा पत्थर तो जस का तस था। महंगाई गई कहां थी? अर्थव्यवस्था मंदी से निढाल होकर बैठ गई थी इसलिए महंगाई का बोझ बिसर गया था। कदम फिर बढ़े हैं तो महंगाई टांग खींचने लगी है। मुद्रास्फीति का प्रेत नई ताकत जुटा कर लौट आया है। मंदी के छोटे से ब्रेक के बीच महंगाई और जिद्दी, जटिल व व्यापक हो...

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दाल से टूटता रोटी का नाता

नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...

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किसानों को 15 जुलाई तक खरीफ को सहकारी ऋण

इस वर्ष खरीफ में काश्तकारों को सहकारी बैंकों के माध्यम से चार हजार 500 करोड़ रुपये के फसली सहकारी ऋण वितरित किए जायेंगे। यह गत वर्ष की तुलना में दुगुने होने के साथ ही किसी एक वर्ष में सहकारी बैंकों द्वारा काश्तकारों को वितरित फसली सहकारी ऋणों में सर्वाधिक होंगे। यह जानकारी मंगलवार को यहां सचिवालय में सहकारिता विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव आर.के. मीणा और रजिस्ट्रार मुकेश शर्मा...

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किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा

 भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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