आप अपने घर (गृह प्रदेश केरल) जा रहे हैं. जॉब्स ओन कंट्री..खुश होंगे. हंसते हैं...पर इतनी संतुष्टि कहीं नहीं मिलेगी. क्यों? झारखंड में काम करने का जितना अवसर मिला, लोगों का जितना प्यार व सहयोग मिला, खास कर मीडिया व सरकार का भी, ये सब कहीं और मिल पायेगा, इस पर मुङो शक है. झारखंड में अपने तीन साल के काम को आप कैसे आंकते हैं. कई मुद्दों पर सफलता मिली. कई बार बहुत कुंठित...
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खुद को जिंदा साबित करने दफ्तरों में भटक रहा किसान
बीना (निप्र)। मालथौन तहसील के हिरनछिपा गांव में पटवारी ने एक किसान को कागजों में मृत घोषित कर उसकी पट्टे की जमीन को दूसरे के नाम कर दी। पटवारी का यह कारनामा उजागर होने के बाद पूरा गांव सन्ना है, वहीं किसान अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए पंचायत से लेकर जनपद, तहसीलदार और एसडीएम के दफ्तर में चक्कर काट काट कर परेशान हो गया है। इतना ही नहीं...
More »कारपोरेट खेती से किसका भला होगा- सुभाषचंद्र कुशवाहा
मानो फसलों की बर्बादी और किसानों की आत्महत्या ही काफी न हो, अब एसोचैम ने शोध प्रस्तुत किया है कि कॉरपोरेट और ग्रुप फार्मिंग ही छोटे किसानों को आपदाओं से बचाएगी। एसोचैम किसानों को राहत देने के पक्ष में नहीं है। उसकी मंशा कंपनियों को राहत देने की है। उसके मुताबिक, किसानों की जमीन औने-पौने दामों में कॉरपोरेट को सौंप देनी चाहिए। उसका मानना है कि कृषि ऋण लगातार बढ़ाने...
More »महिलाओं के विसरा में नहीं मिला कोई जहर
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फॅरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एसएफएसएल) ने बिलासपुर पेंडारी नसबंदी कांड में मृत 13 में से 5 महिलाओं के विसरे की जांच कर रिपोर्ट बिलासपुर पुलिस को सौंप दी है। जांच में जहर नहीं पाया गया है। यानी मौत का कारण जहर नहीं है। अब सवाल यह उठ रहा है कि मौत का कारण क्या है? उल्लेखनीय है कि बिसरा जांच को फॅरेंसिक साइंस की फाइनल रिपोर्ट मानी जाती है।...
More »ज्यादा बच्चों की वजह से मर रहे हैं किसान, बोले कलेक्टर
बेमौसम बरसात से देशभर के किसानों की फसल तबाह हुई है। गरीबी से जूझ रहे हजारों किसान फसल की बर्बादी और अपनी तबाही बर्दास्त नहीं कर पा रहे हैं। कोई जीवन की आशा छोड़ मौत को गले लगा रहा है तो कोई सदमें से आकर दम तोड़ रहा है लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो किसानों की आत्महत्या पर बेतुके बयान देने में भी नहीं हिचक रहे। मध्य प्रदेश के भिंड...
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