नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चालू रबी सीजन में गेहूं की पैदावार को बढ़ाने की सरकारी मंशा पर खादों की कमी पानी फेर सकती है। गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर, मध्य प्रदेश और बिहार में बुआई के लिए डीएपी और एनपीके जैसी खादों की कमी है। जबकि पंजाब व हरियाणा में, जहां गेहूं की बुआई लगभग हो खत्म चुकी है, पहली सिंचाई के वक्त यूरिया की कमी खल रही है। राज्य सरकारों ने...
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अनाज भंडारण की गहराती समस्या
भारतीय खाद्य निगम अब अनाज को सड़ने से बचाने के लिए विदेशी कम्पनी मोर्गन स्टेनली की मदद लेने जा रहा है। मोटे तौर पर यह कम्पनी भारतीय खाद्य निगम को यह सिखाएगी कि अनाजों की खरीद, ढ़ुलाई और बफर स्टॉक की मात्रा तय करने से लेकर उसके रख-रखाव और वितरण की व्यवस्था को कैसे चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। पिछले कुछ सालों से अनाज के उचित भंडारण के अभाव में खुले...
More »गन्ना पेराई पर असमंजस बरकरार
उत्तर प्रदेश में समय से गन्ना मूल्य की घोषणा के बावजूद राज्य की ज्यादातर चीनी मिलों ने अपने पेराई सत्र की शुरुआत का ऐलान नही किया है। पेराई सत्र में हो रही देरी ने गन्ना किसानों की परेशानी को बढ़ाने का काम किया है। गन्ने का खेत खाली न होने की दशा में राज्य में गेहंू की बुआई पिछड़ सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों ने...
More »चीनी ने बिगाड़ा मिल मालिकों का जायका
लखनऊ, जागरण ब्यूरो : सरकार के गन्ने के समर्थन मूल्य में 40 रुपए की रिकार्ड बढ़ोत्तारी करने के अलावा खुले बाजार में चीनी मूल्य की स्थिरता ने मिल मालिकों का जायका बिगाड़ दिया है। उहापोह में फंसा प्रबंधन मिल चलाने से कतरा रहा है और नुकसान गन्ना किसानों को झेलना पड़ रहा है। गत वर्ष गन्ना किसानों को अपनी मर्जी से 260-80 रुपए प्रति कुंतल तक भुगतान देना मिल मालिकों के...
More »खाद्य सुरक्षा- अधूरी पहल
महीनों की बातचीत के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की सिफारिश कर दी है। यह बिल मुख्य अनाज के लिए आम लोगों के कानूनी अधिकार को पहले सोचे गए स्तर से भी नीचे ला देता है। और इस तरह परिषद ने भूख समाप्त करने के लिए सर्वजनीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से संगठित प्रयास शुरू करने का ऎतिहासिक अवसर खो दिया है। भारत में अनाज...
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