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12 से 18 साल की लड़कियों से रेप के सबसे ज्‍यादा मामले मप्र में

अनूप दुबे, भोपाल। महिलाओं से अपराध के मामले में मध्यप्रदेश (28,678) देश में उत्तरप्रदेश (38,467) और राजस्थान (31,151) के बाद तीसरे नंबर पर है, लेकिन ज्यादती के मामले स्थिति उलट है। देश में सर्वाधिक 5076 अपराध मप्र में ही दर्ज किए गए हैं। इसमें भी सबसे चौकाने वाला तत्थ यह है कि देशभर में 12 से लेकर 18 साल की मासूम सबसे ज्यादा शिकार मप्र में ही बना रही हैं। यह...

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जीएसटी की कसौटी पर- पार्थ उपाध्याय

संसद का सत्र लोक-अपेक्षाओं को पूर्ण करने का एक मंच होता है। संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ही सरकार संविधान में संशोधन, परिवर्धन और परिवर्तन करती है। विपक्ष भी जन-आकांक्षाओं पर सरकार को काम करने के लिए बाध्य करने का एक माध्यम है। पर कांग्रेस की हठधर्मिता के कारण विपक्ष की यह भूमिका फिलहाल कमजोर हुई दिखती है। लगभग सत्रह हजार नागरिकों ने अपने हस्ताक्षरों के साथ अपील जारी की...

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खाद्य सुरक्षा: सुधर सकते हैं फिसड्डी राज्यों के भी हालात- ज्यां द्रेज, रीतिका खेड़ा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की दशा ठीक नहीं है। अधिनियम को लागू हुए दो साल होने को आये लेकिन कुछ ही राज्य इसपर अमल कर पाये हैं। बाकी राज्य अब भी पात्र परिवारों की पहचान, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के सुधार तथा अन्य तैयारियों से जूझ रहे हैं। तो भी, हाल के सबूतों से संकेत मिलते हैं कि कुछ राज्य अधिनियम को बेहतर ढंग से लागू कर पाये...

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छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से 261 फीसदी अधिक कैदी

रायपुर। देशभर में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के जेल ओवर क्राउडेड हैं। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के जेलों में क्षमता से 261 फीसदी अधिक कैदी भरे हुए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर दिल्ली राज्य है। यहां क्षमता से 216 फीसदी अधिक कैदियों को ठूंस दिया गया है। देश के 28 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में सन 2013 के आखिर तक मिले आंकड़ों में छत्तीसगढ़ के पांच...

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हादसों की रफ्तार बनाम सुरक्षा की पटरी- प्रमोद भार्गव

भारतीय रेल परिवहन तंत्र विश्व का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, पर विडंबना है कि यह किसी भी स्तर पर विश्वस्तरीय मानकों को पूरा नहीं करता। हां, इसे विश्वस्तरीय बनाने का दम जरूर सरकारें लंबे समय से भरती रही हैं। हर बजट में रेल परिवहन को विश्व मानकों के अनुरूप बनाने की बढ़-चढ़ कर घोषणाएं होती हैं, लेकिन उन पर जमीनी अमल दिखाई नहीं देता। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी...

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