साम्यवाद का भविष्य। यह भी आज किसी लेख का विष्ाय हो सकता है क्या? कांग्रेस का भविष्य, नेहरू-गांधी परिवार का भविष्य, लोकतांत्रिकता का भविष्य, अल्पसांख्यिकता का भ्ाविष्य, स्वतंत्र विचार, स्वतंत्र लेखन, स्वतंत्र चिंतन का भविष्य, इन सब पर सोच वाजिब और लाजिम है। लेकिन साम्यवाद..? साम्यवाद करके जब कुछ रहा ही नहीं है, उस नाम के दोनों दलों माकपा और भाकपा के जब लोकसभा में सदस्य ही नहीं के बराबर हैं,...
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भूखे रहने को मजबूर क्यों अन्नदाता? - देविंदर शर्मा
पिछले लगातार तीन वर्षों से गेहूं की खेती करने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी पाते रहे हैं। यह गेहूं के किसानों को भुगतान किए जा रहे दामों में तकरीबन 3.6 फीसद की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यदि इसकी तुलना सितंबर में केंद्रीय कर्मचारियों को दिए गए 7 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता से करें तो पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र में किसानों...
More »मनरेगा बंद करने की हो रही कोशिश : रघुवंश
पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा को धीरे-धीरे सिकुड़ा रही है. ऐसा इसे बंद करने के लिए किया जा रहा है. मजदूरों की रोटी छीनी गयी, तो सभी दलों को इसके खिलाफ गोलबंद करने के लिए पत्र लिखेंगे. उन्होंने बताया कि अभी तक मनरेगा को लेकर 28 बड़े अर्थशास्त्रियों ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. इस योजना को...
More »छत्तीसगढ़ के बड़े गांवों में भी अब मिलेंगी शहरी सुविधाएं
भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बड़े गांवों में अब शहरों की तरह ही सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने इस इसके लिए खाका तैयार कर लिया है। पहले चरण में तीन हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों में शहरी सुविधाएं मुहैया कराने की योजना है। इन गांवों में पक्की सड़क, अंडरग्राउंड ड्रेनेज, पक्की नाली, लाइब्रेरी, पाइप लाइन के जरिए पेयजल आपूर्ति, भूमिगत विद्युत लाइन...
More »रोजगार गारंटी का क्या विकल्प? - डॉ. भरत झुनझुनवाला
इसमें कोई संदेह नहीं कि मनरेगा के कारण गरीबों को बड़ी राहत मिली है। मनरेगा के लागू होने के बाद दो वर्षों के अंदर खेत मजदूरों की दिहाड़ी 120 रुपए से बढ़कर 250 हो गई थी। बिहार के श्रमिकों ने पंजाब जाना कम कर दिया था, क्योंकि उन्हें घर के पास रोजगार मिल रहा था, चाहे वह सीमित मात्रा में ही क्यों न हो। इस कार्यक्रम पर अब केंद्र सरकार...
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