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त्वरित और सस्ता न्याय पाने की सुविधा

मित्रों, अदालत, मुकदमा और पुलिस को लेकर अनेक कहावतें और लोकोक्तियां प्रचलित हैं. इन सभी कहवतों और लोकोक्तियों में इन्हें तबाही और परेशानी का सबब बताया गया है, जबकि अगर पुलिस, अदालतें और मुकदमे दायर करने के जनता को अधिकार न हों, तो समाज में अराजकता अपनी पराकाष्ठा पर होगी. हम सुरक्षित नहीं रह सकते. हमारे मानवीय अधिकारों की रक्षा नहीं हो सकती. हर कोई अपनी ताकत और धन की बदौलत...

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संविधान ने दी गांव के आम लोगों को बड़ी ताकत

देश में हाल के दिनों में गणतंत्र दिवस को लेकर लोगों के मन में एक अलग तरह का दुराव पैदा हो गया है. लोगों को लगता है कि गणतंत्र दिवस मनाना बेकार बात है, झंडा फहराने और परेड करने से क्या फर्क पड़ता है. मगर पिछले दिनों एक दलित महिला विचारक ने कहा कि देश के सभी वंचितों को गणतंत्र दिवस जरूर मनाना चाहिये, क्योंकि इस देश के लोगों को आजादी...

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सशक्त राज्य में अशक्त स्त्री- विकास नारायण राय

जनसत्ता 28 जनवरी, 2014 : महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन  अपराधों से निपटने के उपायों और तौर-तरीकों को लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक ही नहीं,काफी कानूनी विभ्रम भी हैं। कठोरतम दंड-प्रावधानों के साए में, देश की अपराध-न्याय व्यवस्था आसाराम और तेजपाल के आचरण में भेद नहीं कर पा रही है; पुलिस और अदालती कार्यवाही में दोनों को एक समान ही निपटाया जा रहा है। यौनिक दुराचरण के आरोपी जजों की ओर से...

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फिर रौद्र रूप लेगा शिक्षा मित्र आंदोलन- सैफ हैदर नकवी

बिना टीईटी के समायोजन व अप्रशिक्षितों का वेतनमान 7300 रुपये करने की मांग को लेकर शिक्षा मित्र 13 वें दिन भी लक्ष्मण मेला मैदान पर डटे रहे। रविवार को दो दर्जन शिक्षा मित्रों ने साइकिल यात्रा निकाल कर विधान भवन पर प्रदर्शन किया। वहीं, महिला शिक्षा मित्र अपने मासूम बच्चों के साथ धरने पर बैठी रहीं। आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में प्रदेश भर के शिक्षा मित्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।...

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गांव के शासन में अहम भूमिका निभा रही है महिला ग्रामसभा

महात्मा गांधी का सपना था कि गांव का शासन ग्रामीण चलायें और अपनी प्राथमिकताएं भी वे खुद ही तय करें. हालांकि अब तक यह सपना पूरी तरह सार्थक तो नहीं हो पाया है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि पंचायत चुनाव के बाद इसकी संभावनाएं काफी प्रबल हुईं हैं. गांधीजी के सपने को साकार करने की ओर एक कदम के रूप में महिला ग्रामसभा को देखा जा सकता है. क्या...

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