देश का नेतृत्व तेज आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध दिख रहा है। इसके लिए कोयला उत्पादन दोगुना-तिगुना करने की जरूरत है। पर दुर्भाग्य से अगर ऐसा हुआ तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश बन जाएगा। डेविड रोज की रिपोर्ट वित्त वर्ष मार्च 2015 के अंत तक दुधिचुआ ने 15 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन किया, जो ब्रिटेन के कुल कोयला उत्पादन से भी अधिक है। दुधिचुआ सिंगरौली कोयला-क्षेत्र...
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सरकार नहीं जानती देश में कितना है दाल का भंडार
इस साल मानसून के ठीक रहने का अनुमान क्या जारी हुआ, बाजार में दाल के भाव आसमान छूने लगे। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि देश में दालों के पर्याप्त भंडार हैं और उसकी कोई कमी नहीं है। हालांकि सरकार यह नहीं बता पा रही है कि देश में दाल का कितना भंडार है। लेकिन उसका दावा है कि जो भी राज्य दाल मांगेगा, उसे दी जाएगी। केंद्रीय कृषि मंत्री...
More »पांच महीने में 40% महंगा हुआ चना, राहत की उम्मीद नहीं
नई दिल्ली। बीते पांच महीनों में चने की कीमतों में 40 फीसदी की तेजी आ चुकी है। लंबे समय तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकने वाला चना अब 4,700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है। साल की शुरुआत में चने की कीमत 3,300 रुपए प्रति क्विंटल थी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादन घटने से चने की कीमतों में यह तेजी आई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगले दो...
More »एक साल में 64 फीसद बढ़े दालों के भाव
नई दिल्ली। महंगाई में नरमी के ट्रेंड के उलट नरेंद्र मोदी सरकार के पहले साल में प्रमुख मेट्रो शहरों में दालें 64 फीसद तक महंगी हुई हैं। खासतौर से घरेलू उत्पादन में कमी के चलते दालों के दाम बढ़े हैं। लगातार दूसरे वर्ष मानसून खराब रहने की भविष्यवाणी के बीच सरकार एमएमटीसी जैसी सरकारी टे्रडिंग फर्मों के जरिये दालों के आयात पर विचार कर रही है। इसका मकसद इनकी घरेलू आपूर्ति...
More »किसानों के लिए ख्याली पुलाव- भरत झुनझुनवाला
असमय बारिश तथा तूफान से संपूर्ण उत्तर भारत में खेती का भारी नुकसान हुआ है और लगभग एक हजार किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं. इन आत्महत्याओं का ठीकरा सिर्फ मौसम पर फोड़ना उचित नहीं होगा, क्योंकि ऐसी घटनाएं होती ही रहती हैं. असल समस्या है कि किसान की सहनशक्ति का हृस हो गया है. किसान का बैंक बैलेंस समाप्त हो गया है. एक फसल खराब हुई, तो वह...
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