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हिमालय पर घात- श्रुति जैन

जनसत्ता 29 जून, 2013: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में तबाही अभी थमी नहीं है और प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर में साढ़े आठ सौ मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन कर आए हैं। विकास के नाम पर पिछले कुछ साल से जिस गति से पूरे हिमालय क्षेत्र में इन परियोजनाओं को बढ़ावा मिलता रहा है वह भयानक है। सभी प्रस्तावित परियोजनाएं क्रियान्वित हो जाएं तो हिमालय दुनिया में सबसे ज्यादा बांध घनत्व...

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बाढ़: 34 जिले संवेदनशील घोषित, गंगा-यमुना के किनारे बसे गांवों में रेड अलर्ट

लखनऊ/आगरा. उत्तराखंड में बाढ़ से हुई तबाही को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. खासकर उन इलाकों में जो गंगा और यमुना नदियों के किनारे हैं. इन इलाकों में रेड एलर्ट है और संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को 24 घंटे उपलब्ध रहने के निर्देश दिए गए हैं. बदले मौसम का सबसे ज्यादा असर फिलहाल यूपी के पश्चिमी इलाके में पड़ने की आशंका है, ये दोनों नदिया...

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हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष- हिंदी पत्रकारिता : भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी

हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। भारतवर्ष में आधुनिक ढंग की पत्रकारिता का जन्म अठारहवीं शताब्दी के चतुर्थ चरण में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में हुआ। 1780 ई. में प्रकाशित हिकी का "कलकत्ता गज़ट" कदाचित् इस ओर पहला प्रयत्न था। लेकिन हिंदी पत्रकारिता की सही मायने में शुरुआत हिंदी के पहले पत्र उदंत मार्तण्ड के प्रकाशित होने के साथ 30 मई 1826 को हुई। इसीलिए इस...

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उत्तर प्रदेश के इकलौते वेटलैंड में डाल्फिन के अस्तित्व को खतरा

सैफ सुल्तान, बुलंदशहर। बुलंदशहर स्थित उत्तर प्रदेश के एकमात्र वेटलैंड (रामसर साइट) के जलजीवों पर गंगा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से खतरा मंडरा रहा है। साथ ही यहां प्रवासी पक्षियों की संख्या में भी लगातार गिरावट आ रही है। बताते चलें कि ब्रजघाट से लेकर नरोरा तक गंगा के 85 किलोमीटर इलाके वाला वेटलैंड आकार के हिसाब से देश का आठवां और उत्तर प्रदेश का इकलौता वेटलैंड (रामसर साइट)...

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जान बचाने वालों को रोटी के लाले

अतुल मिश्रा, कानपुर। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले गोताखोरों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ रहे हैं। उन्हें पांच माह बाद भी मानदेय नहीं मिल सका है। इन्हें गंगा में डूबने वालों को बचाने के लिये पिछले साल नवंबर माह में मानदेय दिलाने का आश्वासन दिया था। पिछले दस सालों से गंगा बैराज पर ्रगोताखोर मो.निसार, रामबाबू, जलील, फिरोज, सबीर, शमी हसन, देवेंद्र और...

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