पारी , 23 फरवरी बसंत बिंद कुछ दिनों के लिए घर आए थे. वह जहानाबाद ज़िले के सलेमांपुर गांव से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित पटना में बीते कुछ महीनों से खेतिहर मज़दूरी कर रहे थे. संक्रांति का त्योहार निपट जाने के बाद, अगले दिन, यानी 15 जनवरी को वह काम पर लौटने वाले थे और बगल के गांव चंधरिया से कुछ मज़दूरों को बुलाने के लिए गए थे. इन मज़दूरों...
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मौसम की मार से फसल बर्बाद होने के बावजूद मुआवजे से वंचित भूमिहीन किसान
मोंगाबे हिंदी, 21 फरवरी उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के तुरकौली गांव में रहने वाले 64 वर्षीय किसान राम सागर की अक्टूबर 2022 में भारी और बेमौसम बारिश के कारण साढ़े तीन एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई थी। इसी गांव में रहने वाले 42 साल के जाबिर अली का हाल भी कुछ ऐसा ही था। उनके एक एकड़ जमीन पर लगा धान बारिश की वजह से पूरी तरह खराब...
More »मुजफ्फरनगर में दूषित घरेलू सीवेज काली नदी को कर रहा गंदा
डाउन टू अर्थ, 15 फरवरी काली नदी में मिलने से पहले बेगराजपुर नाले में डाला जा रहा दूषित घरेलू सीवेज प्रदूषण का प्रमुख कारण है। यह नाला मुजफ्फरनगर का मुख्य नाला है। हालांकि यह कहा गया है कि एक बार प्रस्तावित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के चालू हो जाने के बाद मुजफ्फरनगर के इस मुख्य नाले में बीओडी और सीओडी के स्तर में उल्लेखनीय कमी आ जाएगी। यह जानकारी संयुक्त समिति नेशनल...
More »एयर क्वालिटी ट्रैकर: बेहतर हो रही देश में हवा, चंडीगढ़-जयपुर सहित 77 शहरों में रही संतोषजनक
डाउन टू अर्थ, 14 फरवरी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 फरवरी 2023 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 186 में से केवल एक शहर बर्नीहाट (333) में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' रहा। वहीं दस शहरों में हवा 'बेहतर' रही, जबकि 77 शहरों की श्रेणी 'संतोषजनक', 84 में 'मध्यम' रही। वहीं 14 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर "खराब" दर्ज किया गया। यदि दिल्ली-एनसीआर की...
More »बजट में कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन वास्तविक अर्थों में 2 साल में कम हुआ, सिंचाई को भी तवज्जो नहीं
रूरल वॉयस , 14 फरवरी सबसे पहले सुर्खियां। वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का आवंटन 2022-23 के 1.24 लाख करोड़ रुपए के बजट अनुमान से घटाकर 1.15 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। महंगाई को समायोजित करें तो बीते 2 वर्षों के दौरान वास्तविक अर्थों में आवंटन कम हुआ है। दूसरी सुर्खी- कृषि के लिए महत्वपूर्ण सिंचाई की पूरी तरह अनदेखी की गई...
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