भोपाल गैस त्रासदी मनुष्य जाति के इतिहास का भयावहतम औद्योगिक हादसा था, लेकिन इसके शिकार हुए लोगों के साथ हुआ अन्याय भी किसी त्रासदी से कम नहीं है। यूनियन कार्बाइड में ‘काराबिल’ नामक कीटनाशक बनाया जाता था, जिसका इस्तेमाल मुख्यत: कपास की खेती में होता है। गैस त्रासदी के बाद ही मैंने निश्चय किया था कि मैं जैविक खेती को बढ़ावा देने की कोशिश करूंगी और यही विचार ‘नवधान्य’ की...
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अंधेर नगरी चौपट राजा
बालेश्वर। असली राशन कार्ड भी है। लोग भी जीवित हैं फिर भी पिछले 5 महीनों से नहीं मिल रहा है राशन। करीबन 300 लोगों के नामों की सूची चार महीनों तक सीएसओ कार्यालय में धूल चाटने के बाद अब जिलाधीश कार्यालय में जा पहुंची है। आखिर क्यों लोगों को राशन नहीं मिल रहा। सवाल का एक ही जवाब मिल रहा है कि जांच जारी है। जांच के नाम पर विगत पांच...
More »इन बंजारों की धरती कहां है -- शिरीष खरे
एक बार बीड़ जिले के पाथरड़ी तहसील में कहीं चोरी हुई. कई महीने बीते, मगर चोर का अतापता न चला. आष्टी तहसील से थोड़ी दूरी पर चीखली गाँव हैं. इसी गाँव के पास घूमते-फ़िरते रहवसिया नाम का पारधी परिवार आ ठहरा. बस फिर क्या था, पुलिस ने उसे ही इतनी दूर की वारदात में अंदर डाल दिया. जहाँ रहवसिया दो महीनों तक जेल में रहा, वहीं गाँव में ऊँची जाति...
More »25 साल बाद यह कैसा इंसाफ!
नई दिल्ली [विष्णु गुप्त]। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि भोपाल गैस काड के आठ अभियुक्तों को न्यायालय ने दोषी ठहराया है, उन्हें दो-दो साल की सजा सुनाई है या अब भोपाल गैस काड के पीड़ितों को न्याय मिल ही गया। अहम यह है कि भोपाल गैस काड के अभियुक्तों को दंडित करने में 25 साल का समय क्यों और कैसे लगा? न्याय की इतनी बड़ी सुस्ती और कछुआ चाल। क्या गैस...
More »वैद्य विशारद व आयुर्वेद रत्न नहीं कर पाएंगे इलाज
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से 1967 के बाद वैद्य विशारद व आयुर्वेद रत्न की डिग्री लेने वाले वैद्यों की डिग्री कानूनी नहीं है और इन लोगों को मरीजों का इलाज करने का अधिकार नहीं है। सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले से पिछले 43 वर्षों में हिन्दी साहित्य सम्मेलन से डिग्री लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हजारों वैद्यों का बोरिया बिस्तर बंध जाएगा।...
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