धमतरी। आज दुनिया कहां से कहां पहुंच गई है। लोग चांद पर भी बस्ती बसाने की बात सोचने लगे हैं। लेकिन धमतरी जिले में एक ऐसा गांव भी है, जहां के लोग झरन पानी यानी ऊंचे स्थान से रिसते झरनानुमा स्थान पर पाइप लगाकर पानी भरते हैं और उसे छानकर पीते हैं। क्योंकि गांव के हैंडपंप बंद हो गए है और बोर ने भी जवाब दे दिया है। जिला मुख्यालय से...
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ग्रामोद्योग की फिक्र किसे है- अरुण तिवारी
निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न शुल्क और मंजूरियों में छूट से लेकर तकनीकी उन्नयन और इ-बिज पोर्टल जैसी तमाम घोषणाएं बजट में है। मंजूरियों में छूट को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी का संकेत भी कर दिया गया है। कहना न होगा कि वित्तमंत्री ने उद्योगों की तो खूब चिंता की, परग्रामोद्योगों को अब भी प्रतीक्षा है कि कोई आए और अलग से उनकी चिंता...
More »...जहां महिलाएं कर रहीं हैं वनों की रक्षा
हिमालयी क्षेत्र में खूबसूरत नजारे वाले लाहौल स्पीति घाटी में 1980 के दशक में एक आंदोलन शुरू हुआ था। महिला कार्यकर्ताओं ने वनों की रक्षा में इस आंदोलन को शुरू किया था। बौद्ध आबादी बहुल इस क्षेत्र में महिलाओं के इस श्रम ने रंग लाया। इस आंदोलन की शुरुआत कवारिंग पंचायत में शुरू हुई, जहां की आबादी 112 थी। इसमें महिलाओं की संख्या 64 थी। बाद में यह आंदोलन घाटी के...
More »आजादी के 67 साल बाद भिंड के 56 गांवों में बनेंगी पक्की सड़क
मनोज श्रीवास्तव, भिंड। देश को आजादी मिले 67 साल बीत गए, लेकिन भिंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां अब भी पक्की सड़कें नहीं हैं। अगर इन गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे इलाज के लिए शहर ले जाना मुश्किल होता है। आजादी के बाद पहली बार जिले के ऐसे 56 गांवों में पक्की सड़क बनेंगी। पीएमजीएसवाय (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) से इन गांवों में 67.81 करोड़ रुपए...
More »कभी गांव में निर्वस्त्र घुमाई गई महिला पंचायत चुनाव के मैदान में
आशुतोष शर्मा, महासमुंद। बिसाहिन बाई को टोनही बताया गया, उन पर और उनके गांव की अन्य दो महिलाओं पर बेइंतहा जुल्म ढाए गए लेकिन बिसाहिन बाई ने हिम्मत नहीं हारी और आज वह प्रदेश भर में टोनही प्रताड़ना का दंश झेल रही महिलाओं के लिए प्रेरणा की संवाहक बन गई हैं। महासमुंद जिले की सरहद पर बसे गरियाबंद जिले के गांव लचकेरा में 22 अक्टूबर 2001 को एक बेहद शर्मनाक...
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