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कानून से ही नहीं रुकेगी क्रूर कायरता-- विभूति नारायण राय

राम मनोहर लोहिया ने भारतीय भीड़ के व्यवहार के लिए एक बड़े मौजूं शब्द का इस्तेमाल किया है- क्रूर कायरता। औसत भारतीय जब भीड़ का अंग होता है, तो उसका व्यवहार एक खास तरह की क्रूरता से भरपूर होता है, जो कई मौकों पर तो बर्बरता की हदें पार कर जाती है। भीड़ किसी जेबकतरे को बस से उतारकर पीट-पीट कर मार डालती है। कभी कोई नकबजन हत्थे चढ़ जाए,...

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UGC के बदले उच्च शिक्षा के लिए HECoL का प्रस्ताव

एक ऐतिहासिक निर्णय में भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग निरसन अधिनियम), विधेयक 2018, जिसका उद्देश्य यूजीसी अधिनियम को निरस्त करना और भारतीय उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना करना है, को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है और इसे टिप्पणियों और सुझावों के लिये सार्वजनिक किया गया है. भारतीय उच्च शिक्षा आयोग का उद्देश्य उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षा के स्तर को सुधारना होगा. केंद्रीय मानव...

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50 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा बीमा से जुड़े: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दावा किया कि देश के 50 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा बीमा के दायरे में आते हैं, जो 2014 के आंकड़ों के मुकाबले 10 गुना अधिक हैं. नरेंद्र मोदी एप (नमो) पर वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों से बात करने के दौरान मोदी ने यह भी कहा कि 20 करोड़ से अधिक लोगों ने इसका लाभ उठाया है और वह...

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अर्थव्यवस्था में 7.4 फीसदी वृद्धि दर रहने की उम्मीद: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि देश के वृहद आर्थिक बुनियादी कारक मजबूत बने हुए हैं और सरकार राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद मुद्रास्फीति इसके निर्धारित दायरे में बनी हुई है. उन्होंने कहा कि 2,600 अरब डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक "आकर्षक स्थल" के रूप में उभरी...

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अंतहीन अत्याचार का वह काला दौर - ए. सूर्यप्रकाश

जून का महीना झुलसाती गर्मी के साथ इतिहास की कुछ दर्दनाक यादों को भी दोहराता है। 1975 में 25 जून को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर निरंकुश आपातकाल थोपा था। इसके साथ ही जीवंत लोकतंत्र पर तानाशाही हावी हो गई थी। इस तानाशाही ने न केवल नागरिकों के मूल अधिकार निलंबित किए, बल्कि उन्हें जीवन के अधिकार से भी वंचित किया। यदि हम अपने लोकतांत्रिक जीवन को सुरक्षित रखना...

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