वर्ष 1967 में अमेरिकी अर्थशास्त्री विलियम और पॉल पैडॉक ने कहा था कि भारत की बढ़ती आबादी से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती, इन लोगों को केवल गुलाम बनाया जा सकता है। एक लंबे समय तक भारत के बारे में दुनिया का यही नजरिया था। बहरहाल, जैसे ही हमारी जनसंख्या ने एक अरब का आंकड़ा पार किया, एक ऐसा 'डेमोग्राफिक डिविडेंड" उभरकर सामने आया, जो कि दुनिया में किसी के...
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फिर चाय बागान बंद, 1244 बेरोजगार
जलपाईगुड़ी़: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन चाय बागानों का दौरा कर मंगलवार को सिलीगुड़ी से दिल्ली के लिए रवाना हुई ही थीं कि एक और चाय बागान के बंद होने की खबर आ गयी़ निर्मला सीतारमन पिछले दो दिनों से सिलीगुड़ी और डुवार्स के दौरे पर थीं और इस दौरान उन्होंने बंद पड़े कइ चाय बागानों का दौरा किया था़. इसके अलावा उन्होंने सोमवार को बंद चाय बागानों...
More »एक-समान शिक्षा प्रणाली से होगा बेहतर समाज का निर्माण
बेहतर देश के निर्माण के लिए बेहतर समाज का होना पहली शर्त है. किसी भी देश का सतत विकास तभी मुमकिन है, जब वहां के विभिन्न समाज और समुदायों के बीच सौहार्द, शांति व भाईचारा हो. बीता साल 2015 इस लिहाज से कुछ अच्छी यादों के साथ-साथ कई कड़वी यादें भी छोड़ गया है. हाल के दशकों में तेज आर्थिक विकास के बावजूद हमारे समाज में व्याप्त कुछ...
More »'डेमोक्रेटिक इकोनॉमिक्स' से सुलझेंगी समाजिक समस्याएं-- शिव विश्वनाथन
किसानों द्वारा आत्महत्या के मामलों को कोई संजीदगी से नहीं ले रहा है. मौजूदा सरकारें बायोटेक्नोलाॅजी से खेती का परिदृश्य बदलना चाहती हैं. इस दिशा में काफी चर्चा भी हो रही है, लेकिन इस पूरे सिस्टम को लोकतांत्रिक तरीके से लागू करना होगा, अन्यथा किसानों की दशा को नहीं सुधारा जा सकता. फॉरमल इकोनॉमी का दायरा बढ़े आज देशभर में जिस स्मार्ट सिटी की बात हो रही है, उसमें...
More »रोजगारपरक हो शिक्षा प्रणाली-- मोनिका शर्मा
अवसाद और तनाव की सौगात देने वाली हमारी शिक्षा व्यवस्था अब वाकई चिंतनीय हालात पैदा कर रही है। इस बाबत हाल ही में संसद में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़े डराने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 8 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, सफलता और आगे बढ़ने की ललक और दबाव इतना है कि मनपसंद नौकरी या पेशा न...
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