गुजरात चुनाव के मद्देनजर जारी तू-तू, मैं-मैं की राजनीति और पद्मावती फिल्म को लेकर देश के उत्तरी राज्यों मेंमचे हंगामे के आगे दक्षिण भारत के उन हजारों मछुआरों और उनके परिवारों की दारुण कथा बौनी रह गई, जो ओखी चक्रवाती तूफान की मार से उजड़-बिखर गए हैं। तमिलनाडु और केरल के तटीय इलाकों के 800 मछुआरे आज भी अपने घर वापस नहीं लौट पाए हैं। करीब 10 दिनों पहले वे...
More »SEARCH RESULT
सरकार के लिए फिर अच्छी खबर, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.4 फीसदी
दस दिनों के अंदर मोदी सरकार के लिए दूसरी अच्छी खबर है। आर्थिक मोर्चे पर देश की तरक्की के लिए यह खबर अहम है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 14.4 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। सीबीडीटी के नए आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर की अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.4 प्रतिशत बढ़कर 4.8 लाख...
More »आर्थिक मोर्चे पर मजबूती की ओर - संजय गुप्त
पांच तिमाहियों के बाद आर्थिक विकास दर में उछाल दर्ज होना मोदी सरकार के लिए न केवल आर्थिक मोर्चे पर राहतकारी है, बल्कि राजनीतिक मोर्चे पर भी। ऐसा इसलिए, क्योंकि गुजरात चुनाव में अन्य अनेक मसलों के साथ देश की अर्थव्यवस्था की सेहत को भी एक मुद्दा बनाया जा रहा है। चूंकि जीडीपी में उछाल यह भी बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नोटबंदी के साथ-साथ जीएसटी के असर से भी...
More »फिर सूखे की ओर बुंदेलखंड-- पंकज चतुर्वेदी
बुंदेलखंड के गांवों के लोग पलायन कर रहे हैं- पानी की कमी के चलते। अगली बरसात दस महीने दूर है और बुंदेलखंड से जल संकट, पलायन और बेबसी की खबरें आने लगी हैं। वैसे मध्यप्रदेश के तेईस जिलों की एक सौ दस तहसीलों को राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है, जिनमें बुंदेलखंड में आने वाले सभी जिले शामिल हैं। हालांकि इस घोषणा से सूखा प्रभावितों की दिक्कतों...
More »GST, नोटबंदी का असर घटा, दूसरी तिमाही में GDP विकास दर 6.3 फीसद
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जारी वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही( जुलाई-सितंबर) में विकास दर 6.3 फीसद रहा। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर घिरी केंद्र सरकार के लिए ये आंकड़े किसी राहत से कम नहीं है, क्योंकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.7 फीसद ही थी। जेटली ने जीडीपी के आंकड़ों पर कहा कि नोटबंदी और जीएसटी पर अमल अब पीछे छूट गया है। वित्त...
More »