जनसत्ता 18 जनवरी, 2013: स्त्री की हिफाजत, हैसियत, बराबरी के किसी मुद्दे पर इतना बड़ा तूफान भारतीय समाज में शायद पहले कभी न खड़ा हुआ हो। दिल्ली में ही लोग सड़कों पर नहीं उतरे, मणिपुर, जम्मू, चेन्नै से लेकर मुंबई, कोलकाता आदि शहरों में भी आक्रोश और पश्चाताप के अलग-अलग स्वर सुनने को मिले। हमारी सामाजिक गिरावट की विडंबना का एक नमूना यह भी रहा कि फिजा में फैली फांसी की मांग...
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रैन बसेरों की जानकारी बेघरों तक पहुंचाने के लिए प्रचार अभियान की तैयारी
जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के शहरी विकास व राजस्व मंत्री अरविंदर सिंह ने कहा कि राजधानी दिल्ली में हर जरूरतमंद और बेघर व्यक्ति को सरकार की ओर से चलाए जा रहे रैन बसेरे में आश्रय मिलेगा। राजधानी में कुल 150 रैन बसेरे सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। इनमें बेघर लोगों को कंबल, दरी, पीने का पानी, बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ शौचालय आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। शहरी विकास मंत्री ने ये...
More »मंत्रियों के गांवों में स्वास्थ्य सेवा लचर
राज्य सरकार के दो मंत्रियों गृह क्षेत्र के अस्पतालों की हालत खस्ता है. यहां चिकित्सक, कर्मचारी व संसाधनों का घोर अभाव है. सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सकों की कमी है. मरीजों को आवश्यक दवा भी बाजार से खरीदनी पड़ती है. भवनों की हालत पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण बनी हुई है. बेड का भी अभाव है. सफाई व्यवस्था की हालत भी दयनीय है. चिकित्साकर्मियों को आवास की भी सुविधा नहीं है. ।।ठाकुर संग्राम...
More »गुजरात के विकास का सच
जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...
More »शौचालय नहीं तो दुल्हन नहीं: रमेश
कोटा, 21 अक्तूबर (एजेंसी) जयराम रमेश ने महिलाओं से उन परिवारों में शादी करने से इनकार करने की अपील की जहां शौचालय नहीं हैं। देश में शौचालय से अधिक मंदिर होने का बयान देकर विवाद खड़े करने के कुछ ही दिन बाद आज केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने महिलाओं से उन परिवारों में शादी करने से इनकार करने की अपील की जहां शौचालय नहीं हैं। यहां खजूरी गांव में स्थानीय लोगों...
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