वह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण था, जब देशभर के मध्यवर्गीय युवा भ्रष्ट प्रशासन के प्रति आक्रोश व्यक्त करने के लिए एकजुट हुए। हमारा देश कई विरोध प्रदर्शनों का साक्षी रहा है। कुछ हिंसक तो कुछ शांतिपूर्ण। कुछ वेतन व भूमि के लिए तो कुछ आत्मसम्मान व मानवाधिकारों के लिए। लेकिन यह आंदोलन कुछ अलग था। दशकों बाद हमने शिक्षित और संपन्न युवाओं को इतने बड़े पैमाने पर...
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..तो नहीं मिल पाएगी हरियाणवी बहू
हिसार। हरियाणा में कन्याएं यदि यूं ही जन्म से पहले मां की कोख में दम तोड़ती रहीं तो प्रदेश का हर छठा योग्य कुंआरा हरियाणवी बहू से वंचित हो जाएगा। आर्थिक रूप से देश के बेहतर प्रदेशों में शामिल हरियाणा का लिंगानुपात 839 पर आ टिका है। इसके चलते प्रदेश के प्रति हजार में से 161 युवक या तो शादी नहीं कर पाएंगे या फिर वे अन्य प्रदेशों में शादी को...
More »साइकिल चलाते-चलाते ब्रांड बनी किसान चाची
मुजफ्फरपुर. 55 साल की राजकुमारी हर रोज 30-40 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करती हैं। पिछले 20 सालों से हर दिन साइकिल पर सवार होकर वह गांवों की ओर निकल जाती हैं जहां औरतों को खेती के गुर सिखाती हैं। आसपास के कई जिले उन्हें ‘किसान चाची’ के नाम से जानते हैं जहां उनका अचार, मुरब्बा, सॉस जैसे खाद्य वस्तुओं को बनाने का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलता रहता है। अपने गांव आनंदपुर में...
More »एक समान शिक्षा का विकल्प शिरीष खरे
‘स्कूल चले हम’ कहते वक्त अलग-अलग स्कूलों में पल रही गैरबराबरी पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता. एक ओर जहां क, ख, ग लिखने के लिए ब्लैकबोर्ड तक नही पहुंचे हैं, वहीं दूसरी तरफ चंद बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मंहगी ईमारत, अंग्रेजी माध्यम और शिक्षा की जरूरी व्यवस्थाओं का फायदा उठा रहे हैं. केन्द्रीय कर्मचारियों के बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय हैं, सैनिको के बच्चों के लिए सैनिक स्कूल हैं, तो...
More »अनपढ़ रखने की साजिश!
जयपुर. भाजपा राज में गरीब बच्चों की पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए नगर निगम द्वारा शुरू किए गए ‘हॉल इन द वॉल’ प्रोजेक्ट की सभी इकाइयों पर दलीय राजनीति के चलते ताले लग गए। इस प्रोजेक्ट को संचालित करने वाले एनजीओ हाईवेल ने करार खत्म होने के बाद बोरिया-बिस्तर समेट लिया। नगर निगम के संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जब प्रोजेक्ट का संचालन नहीं कर पाए तो सभी इकाइयां बंद कर दीं। अब...
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