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लोकपाल अशोका होटल को हर महीने 50 लाख रुपये के किराये का भुगतान कर रहा

नई दिल्ली: स्थायी कार्यालय नहीं होने के कारण देश की सबसे बड़ी भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल को नई दिल्ली के अशोका होटल को हर महीने 50 लाख रुपये देना पड़ता है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत प्राप्त दस्तावेज से ये जानकारी सामने आई है. मालूम हो कि सरकार के स्वामित्व वाली अशोका होटल में इस समय लोकपाल का कार्यालय है और ये वहीं से काम कर रहा है. होटल...

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दवाओं के अवशेषों का एक घातक कॉकटेल पी रहे हैं हम

एक नया प्रदूषक तत्व पर्यावरण में प्रवेश कर रहा है. यह तत्व किसी की बीमारी को ठीक करता है, लेकिन इसका बाकी बचा हिस्सा पर्यावरण को बीमार कर रहा है. इससे भी बड़ी बात है कि यह लाखों लोगों को भी बीमार कर रहा है. यह जीवों पर भी असर डाल रहा है, खासकर वन्य जीवों को इससे खतरा है. यह नया प्रदूषक हमारी दवाओं के रसायनों का अवशेष है, जो...

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वित्त क्षेत्र को छोड़कर ज्यादातर भारतीय कंपनियों के लिये 2020 में बनी रहेगी चुनौतियां : मूडीज़

नई दिल्ली: मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कमजोर आर्थिक वृद्धि, सुस्त पड़ती कमाई से वर्ष 2020 में वित्तीय क्षेत्र को छोड़ दूसरे क्षेत्रों की ज्यादातर भारतीय कंपनियों की साख परिस्थितियां कमजोर बनी रहेगी. मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ साख अधिकारी कोस्तुभ चौबाल ने कहा, ‘प्रमुख कंपनियों के क्रेडिट परिवेश में 2020- 21 के दौरान ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं लगती है. ऊंचा ऋृण स्तर, कमजोर मुनाफा...

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श्रीलंका से रिश्ते सँवारने को लेकर भारत जल्दी में क्यों

श्रीलंका के राष्ट्रपति के तौर पर गोटबाया राजपक्षे की ये पहली आधिकारिक विदेश यात्रा है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आए हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ इस यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी के साथ रणनीतिक द्विपक्षीय रिश्तों को गहरा करने पर बातचीत करेंगे. राष्ट्रपति गोटभाया शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करेंगे. इससे पहले 19 नवंबर को भारत के विदेश मंत्री एस...

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मोदी सरकार की खराब नीतियों और बुरे फैसलों की वजह से किसान बदहाल

भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...

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