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नरेगा- बदले बदले से सरकार नजर आते हैं..

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पक्का भरोसा है कि नरेगा  के आगे इस साल का सूखा पानी भरता नजर आएगा लेकिन जमीनी स्तर पर काम करने वाले बहुत से कार्यकर्ता नरेगा की कामयाबी को लेकर अब आशंकित हो उठे हैं, खासकर नरेगा के प्रावधानों में हालिया फेरबदल के बाद। इधर सूखे ने कुल २४६ जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है उधर बहस इस बात पर सरगर्म हो रही है...

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सूचना का अधिकार

[inside]आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने पर मार दिए गये बिहार के निवासियों पर एक रिपोर्ट आई है. जानिये रिपोर्ट की मुख्य बातें[/inside] पूरी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कृपया यहाँ क्लिक कीजिये. साल 2010 से लेकर अब तक, बिहार में आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने के कारण कुल 20 कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गवाई है. लगभग आधे कार्यकर्ताओं की हत्या पिछले 4 साल में हुई हैं. वर्ष 2018 में छह कार्यकर्ताओं की हत्या की...

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वनाधिकार

साल २००६ के १३ दिसंबर को लोकसभा ने ध्वनि मत से अनुसूचित जाति एवम् अन्य परंपरागत वनवासी(वनाधिकार की मान्यता) विधेयक(२००५) को पारित किया। इसका उद्देश्य वनसंपदा और वनभूमि पर अनुसूचित जाति तथा अन्य परंपरागत वनवासियों को अधिकार देना है।  यह विधेयक साल २००५ में भी संसद में पेश किया गया था, फिर इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए जिसमें अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ अन्य पंरपरागत वनवासी समुदायों को भी इस...

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पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ग्रेट निकोबार द्वीप पर ‘अवांछित विकास’ रुकवाने को कहा

द वायर, 24 जनवरी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर 87 पूर्व सिविल सेवकों के एक समूह ने उनसे कहा है कि वे ग्रेट निकोबार द्वीप में ‘विनाशकारी परियोजनाओं के शुरू होने को तुरंत रोकने’ के लिए सरकार को सलाह दें. द्वीप पर बड़े पैमाने पर विकास परियोजनाएं शुरू करने की योजना है, जिनमें एक अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल, एक बड़ा ग्रीन फील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक नगर और 16,610 हेक्टेयर में...

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