स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...
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आसान नहीं इरोम की राह- अमरनाथ सिंह
अनशन तोड़ने से मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला की आगे की राह आसान नहीं होगी। लेकिन यह भी सच है कि आखिर सोलह साल तक लगातार भूख हड़ताल करने पर भी उनकी एकसूत्री मांग पूरी नहीं हो पाई, अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून) नहीं हट पाया। लंबे समय तक भूख हड़ताल से इरोम का शरीर जरूर कमजोर हुआ है लेकिन कठिनाइयों व चुनौतियों का सामना करने की उनकी आंतरिक...
More »एक एकड़ तक जमीन वाले ही भूमिहीन की श्रेणी में
पटना : राज्य में अब एक एकड़ जमीन तक वाले ही भूमिहीन की श्रेणी में आयेंगे. मॉनसून सत्र के पहले दिन शुक्रवार को बिहार विधानसभा में भूमिहीन व सीलिंग विवाद को लेकर संशोधन विधेयकों की प्रतियां पेश की गयीं. बिहार भूदान यज्ञ (संशोधन) विधेयक, 2016 के प्रावधान के अनुसार अधिनियम 1954 की धारा में निर्धारित भूमिहीन की परिभाषा बदल जायेगी. पुराने अधिनियम के अनुसार पांच एकड़ तक के जमीन वालों...
More »16 साल बाद भूख हड़ताल खत्म
इंफाल: सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी अफस्पा को हटाने की मांग को लेकर 16 साल से अनशन कर रहीं मणिपुर की ‘आयरन लेडी' इरोम चानू शर्मिला ने मंगलवार को घोषणा की कि वह नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर देंगी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी. इंफाल में एक स्थानीय अदालत से बाहर आते हुए 44 वर्षीय मानवाधिकारकर्मी ने मीडिया के समक्ष एलान किया...
More »शिक्षा मंत्री ने माना आरटीई में हुए फर्जी नामांकन
नागदा (उज्जैन)। निज प्रतिनिधि। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत कुछ निजी स्कूलों द्वारा फर्जी नामांकन के मामले सामने आए हैं। इसकी विस्तृत जांच के लिए दल बनाया गया है। यह स्वीकारोक्ति स्कूली शिक्षा मंत्री विजय शाह ने सोमवार को विधानसभा में की। मंत्री ने यह बात क्षेत्रीय विधायक दिलीपसिंह शेखावत के प्रश्न के जवाब में कही थी। दरअसल, 31 मई को नईदुनिया ने शहर के कतिपय स्कूलों द्वारा फर्जी...
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