पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...
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व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत-- विराग गुप्ता
कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पाॅक्सो मामलों में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि मौत की सजा से अपराधों का समाधान नहीं हो सकता है. उन्नाव और कठुआ रेप मामलों में देशव्यापी राजनीतिक असंतोष को भांपकर सरकार ने यू-टर्न लेते हुए 12 साल तक की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा के लिए अध्यादेश जारी कर दिया. राष्ट्रपति की मंजूरी के...
More »रेप पर मौत की सजाः कैबिनेट के अध्यादेश को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में दोषी व्यक्तियों को मृत्युदंड तक की सजा देने संबंधी अध्यादेश को आज अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। केंद्रीय कैबिनेट ने कल उस अध्यादेश को अपनी स्वीकृति दी थी जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार करने के दोषी ठहराये गये व्यक्ति के लिये मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने की...
More »महिलाओं के प्रति निष्ठुर क्यों हैं-- आशुतोष चतुर्वेदी
देश में दुष्कर्म के दो मामले सुर्खियों में हैं. दुर्भाग्य यह है कि दोनों मामलों में भारी राजनीति हो रही है और महिलाओं के सम्मान का मुद्दा पीछे छूट गया है. उत्तर प्रदेश में तो भाजपा के एक विधायक पर ही दुष्कर्म का आरोप है. हाइकोर्ट और सीबीआई के हस्तक्षेप के बाद उनकी गिरफ्तारी संभव हुई है. दूसरी घटना जम्मू कश्मीर के कठुआ की है, जहां एक आठ वर्षीय...
More »छग: ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर, लेकिन सिंचाई का ही सिस्टम ध्वस्त
रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में 2003 से 2013 तक भाजपा विधायक के कार्यकाल में सड़क, पुल-पुलियों और सिंचाई के लिए बांध बनाने में सबसे ज्यादा खर्च हुआ। पिछले साढ़े चार साल से कांग्रेस के विधायक हैं, जो कि क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करते रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी विकास कार्यों को पहले की तरह गति नहीं मिल पा रही है। सड़क और पुल-पुलिया...
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