SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 713

चार जिलों के किसानों ने एक होकर सरकार को ललकारा

राजनांदगांव (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन मुख्यालय में सोमवार को राजनांदगांव समेत 4 जिलों के किसानों ने मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। बीवी और बच्चों को लेकर आए किसानों ने रैली और सभा के जरिए सरकार को सावधान किया कि धान पर बोनस दें और समर्थन मूल्य 2100 रुपए करें। अन्यथा वे कुर्सी हिला देंगे। रैली में करीब 10 हजार किसानों ने हुंकार भरी। राजनांदगांव के अलावा बालोद,...

More »

अब केवल आयकर दाता किसानों को नहीं मिलेगी राहत राशि

भोपाल। टैक्स और घोषणा पत्र के फेर में उलझे किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब केवल आयकर दाता किसानों को ही राहत राशि नहीं मिल पाएगी। सर्विस और प्रोफेशनल टैक्स भरने वाले किसान या किसी खातेदार को यह राशि मिल सकेगी। साथ ही सादे कागज पर तय फॉर्मेट में इसके लिए आवेदन किया जा सकेगा। राज्य शासन ने प्रदेशभर से राहत राशि वितरण में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के बाद...

More »

150 में से 117 तहसीलें होंगी सूखाग्रस्त, मंत्रिमंडल की बैठक में आज निर्णय संभव

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सात और तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जाएगा। इनमें सूरजपुर जिले की ओड़गी, प्रेमनगर व भैयाथान, जशपुर जिले की जशपुर व बगीचा, दुर्ग जिले की धमधा व बस्तर जिले की बास्तानार शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ फसलों के नजरी आकलन में 50 पैसे या उससे कम आनावारी वाली इन सात...

More »

महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'

फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...

More »

एफआईआर से आरटीआई तक ग्राम्‍य जनजीवन - गोपालकृष्‍ण गांधी

अंग्रेजी के कुछ शब्द (या शब्दों के संक्षिप्त रूप) ऐसे हैं, जो भारत के दूर-देहात तक जड़ें जमा चुके हैं। यहां मैं डीएम, एसपी, बीडीओ जैसे अफसरों के पदों का उल्लेख नहीं कर रहा। ना ही मैं बस, ट्रेन, साइकिल जैसे सर्वसुलभ शब्दों की बात कर रहा हूं। मैं ऐसे शब्दों की बात कर रहा हूं, जो हमें आज के भारत के बारे में कुछ बताते हैं। इन्हीं में से...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close