खास बात · घाटे का सौदा जानकर तकरीबन २७ फीसदी किसान खेती करना नापसंद करते हैं। कुल किसानों में ४० फीसदी का मानना है कि विकल्प हो तो वे खेती छोड़कर कोई और धंधा करना पसंद करेंगे। # पिछले चार दशकों में भूस्वामित्व की ईकाइ का आकार ६० फीसदी घटा है। साल १९६०-६१ में भूस्वामित्व की ईकाइ का औसत आकार २.३ हेक्टेयर था जो साल २००२-०३ में घटकर १.०६ हेक्टेयर रह गया।" · पंजाब...
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न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
More »मानव विकास सूचकांक
खास बात • 2018 में, 189 देशों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त क्षेत्रों में भारत मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में 129वें पायदान पर (एचडीआई वेल्यू 0.647) था, जबकि चीन 85वें (एचडीआई वेल्यू 0.758), श्रीलंका 71वें (एचडीआई वेल्यू 0.780), भूटान 134वें (एचडीआई वेल्यू 0.617), बांग्लादेश 135 वें (एचडीआई वेल्यू 0.614) और पाकिस्तान 152 वें पायदान (एचडीआई वेल्यू 0.560) पर था. • 1990 और 2018 के बीच, औसत वार्षिक मानव सूचकांक के मूल्यांक में (तर्कयुक्त संकेतक, कार्यप्रणाली और समय-श्रृंखला डेटा के...
More »लघु ऋण
खास बात फिलहाल ३६ फीसदी ग्रामीण परिवार परिवार सांस्थानिक कर्जे के दायरे से बाहर हैं यानी सांस्थानिक कर्जे तक इनकी पहुंच नहीं है।* अगर प्रति परिवार दो हजार की सालाना रकम को आधार मानें तो ग्रामीण इलाके के गरीब परिवारों के लिए सालाना १५००० करोड़ रुपये के कर्जे की जरुरत होगी।* बड़े बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की ३३००० हजार शाखाएं गंवई इलाकों में और १४००० शाखाएं कस्बाई इलाकों में हैं। सहकारी बैंकों...
More »भ्रष्टाचार
खास बात • ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स(साल २०14) में भारत १७5 देशों के बीच ८५ वें पादान पर रखा गया था। साल 2010 के इंडेक्स में भारत फिसलकर 87 वें स्थान पर जा पहुंचा था।* • साल २००६-०७ में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों ने ८८३ करोड़ रुपये बुनियादी सेवाओं को हासिल करने के लिए घूस में चुकाये।** • साल २००६-०७ में भारत के सबसे गरीब...
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