पिछले वर्ष आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दीपावली के तुरंत बाद नोटबंदी का ऐलान किया था, तब एक बड़े व्यापारी वर्ग को यह लगा था कि सरकार के इस कदम से उसके समक्ष तमाम मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। नोटबंदी को लेकर व्यापारी वर्ग के असंतोष के बाद भी मोदी सरकार इसे लेकर आश्वस्त थी कि यह एक आवश्यक कदम है और आगे चलकर इसका आर्थिक लाभ...
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थोक महंगाई के मोर्चे पर सितंबर में राहत, कम रहे खाद्य पदार्थों के दाम
नई दिल्ली। सितंबर महीने में थोक मंहगाई के मोर्चे पर राहत देखने को मिली है। इस महीने थोक महंगाई दर 3.24 फीसद से घटकर 2.6 फीसद हो गई है। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की महंगाई दर में बढ़त देखने को मिली है। यह सितंबर में 2.72 फीसद रही है, जोकि अगस्त महीने के दौरान 2.45 फीसद रही थी। वहीं, प्राइमरी आर्टिकल से जुड़ी महंगाई दर 2.66 फीसद से घटकर 0.15 फीसद हो गई...
More »अर्थव्यवस्था पर मुस्तैदी जरूरी-- डा. अवनीन्द्र ठाकुर
पिछले कुछ समय से भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में आये कई आंकड़ों ने वर्तमान सरकार की कई नीतियों की सफलता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. उदाहरण के तौर पर देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में कमी, सरकारी एवं निजी क्षेत्र में रोजगार की कमी, औद्योगिक विकास की चिंताजनक स्थिति इत्यादि कुछ आंकड़े हैं, जो सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. इस परिप्रेक्ष्य में...
More »बिहार : उपभोक्ताओं को न्याय पाने में करना पड़ रहा वर्षों इंतजार
पटना : उपभोक्ताओं को हक के लिए कानून तो बनाये गये हैं, लेकिन न्याय मिलने की पहुंच अब भी दूर है. उपभोक्ताओं को न्याय के लिए सालों इंतजार करना पड़ता है. उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज शिकायत के मामले में 90 दिनों में न्याय मिलने का प्रावधान है, पर निर्धारित अवधि में कोरम भी पूरा नहीं हो पाता है. शायद ही कोई ऐसा केस है जिसकी निर्धारित अवधि में सुनवाई हो जाती...
More »लोगों की निराशा का कारण-- एम के वेणु
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के हाल में आये कंज्यूमर कांफिडेंस सर्वे से यह बात सामने आयी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर लोगों में एक प्रकार का नैराश्य भाव है. इसी साल कुछ महीने पहले भी आरबीआइ ने एक ऐसा ही सर्वे किया था, जिसमें उसने पाया था कि बेरोजगारी और अपनी आय को लेकर आम आदमी में निराशा की भावना साल 2013-14 में खराब अर्थव्यवस्था के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रबल...
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