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आरटीआई कानून काफी विचार विमर्श के बाद बना था, इसमें संशोधन कर इसे कमजोर किया जा रहा: अरुणा रॉय

जयपुर: प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने बीते सोमवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन कर उसे कमजोर करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यह कदम बहुत ही अलोकतांत्रिक है. जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में रॉय ने कहा कि जिस कानून पर संसद की स्थायी समिति में बहुत गहन और बारीकी से...

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ऑस्ट्रेलिया: अडानी खनन परियोजना के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शन को कवर करने गए कई पत्रकार गिरफ़्तार

मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया में अडानी समूह के मालिकाना हक वाली विवादित कोयला खदान के विरोध में हो रहे प्रदर्शन की कवरेज कर रहे एक फ्रांसीसी टेलीविजन चैनल के पत्रकारों को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में ले लिया. उन पर अनाधिकार प्रवेश के आरोप लगाए गए. उत्तरी क्वीन्सलैंड के कारमाइल कोयला खदान में खनन के लिए अडानी को जून में मंजूरी मिली थी. यहां खनन को लेकर विवाद है क्योंकि इस खदान...

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यमुना के बिना दिल्ली का अस्तित्व नहीं बचेगा: एनजीटी अध्यक्ष

नई दिल्ली: यमुना के बिना दिल्ली का अस्तित्व नहीं बचेगा, कहते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को यमुना नदी के पुनर्जीवन और उसमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. एनजीटी ने राज्य सरकारों द्वारा रिपोर्ट दाखिल करने में असफल रहने की स्थिति में जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी. एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श...

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भारत का संप्रभु बॉन्ड से पैसा जुटाने का फैसला काफी जोख़िम भरा है- एम के वेणु

ज्यादातर आर्थिक विशेषज्ञों ने घरेलू कल्याण और विकास कार्यक्रमों के वास्ते पैसा जुटाने के लिए विदेशों से डॉलर में कर्ज लेने के मोदी सरकार के फैसले के विरोध में आवाज उठाई है. यह पहली बार है कि कोई सरकार राजकोषीय घाटे के डॉलरीकरण का काम कर रही है. इसके पक्ष में दलील यह दी जा रही है कि इससे सरकार के ऋण-आधार का विस्तार होगा और चूंकि सरकार अपने कर्जे का...

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कहां ले जाएगी जल की अनदेखी -- रामचंद्र गुहा

बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...

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