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जहां चाहे वहां कराएं इलाज, पढ़ें राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की 8 बातें

केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दे दी। इस नीति के जरिए देश में सभी को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव है। इसके तहत स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने और इसके लिए मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रावधान करने को सरकार की जिम्मेदारी बताया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले दो साल से लंबित स्वास्थ्य नीति को...

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अस्पताल में दो बंदी, एक को बेड़ि‍यां और रसूखदार को खुली छूट

महासमुंद, नईदुनिया प्रतिनिधि। सामान्य व हाई प्रोफाइल विचाराधीन बंदी को लेकर पुलिस का दोहरा चेहरा जिला अस्पताल में सामने आया है। करोड़ों रुपए के फर्नेस ऑयल के धोखाधड़ी के बहुचर्चित मामले में जहां एक रसूखदार विचाराधीन बंदी को यहां बिना हथकड़ी के रखा गया है, वहीं एक अन्य मामले के विचाराधीन बंदी के पैर में जंजीर बंधी हुई है। इतना ही नहीं, रसूखदार बंदी के साथ ड्यूटी पर तैनात जवान...

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वायु प्रदूषण के कारण एंटीबायोटिक दवाएं हो रहीं बेअसर..

वायु प्रदूषण से जीवाणुओं की क्षमता में वृद्धि होने के कारण सांस संबंधी संक्रमण के इलाज में दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर हो जाती हैं। यह बात एक शोध में सामने आई। ब्रिटेन में लीसेस्टर विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर जूली मोरीसे ने कहा कि शोध से हमें यह समझने में मदद मिली है कि किस तरह वायु प्रदूषण मानव जीवन को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा, इससे पता चलता है...

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केंद्र की स्टेंट दर राज्य में भी मान्य, अस्पतालों में हड़कंप

रायपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। केंद्र सरकार के स्टेंट की दरें तय करने के फैसले के 16 दिन बाद राज्य सरकार ने गुरुवार को स्टेंट की दरें प्रदेश में लागू कर दीं। अब हर अस्पताल को तय दर पर ही स्टेंट लगाना होगा। छत्तीसगढ़ में वेयर मेटल स्टेंट 7260 रुपए और दवाई वाला (ड्रग इल्युटिंग स्टेंट्स, इन्क्लूडिंग मेटेलिक, डीईएस एंड बायोरिसॉर्वेबल वास्कुलर स्कॉफोल्ड बीवीएस बायोडिग्रेडेबल स्टेंट) स्टेंट 29600 रुपए में मिलेगा।   दरें पुराने...

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हर साल मध्यप्रदेश के 100 अस्पताल हो रहे हैं डाक्टर विहीन

भोपाल, शशिकांत तिवारी। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है। डॉक्टरों की नई पौध सरकारी नौकरी में आने को तैयार नहीं है। पुराने रिटायरमेंट की कगार पर हैं। हर साल करीब 100 अस्पताल डॉक्टर विहीन हो रहे हैं। अगर हालात जल्द नहीं बदले तो आने वाले दस सालों में अधिकांश सरकारी अस्पताल डॉक्टर विहीन हो सकते हैं। ऐसे में लोगों...

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