रांची : राज्य सरकार की ओर से कराये गये सर्वे के अनुसार, झारखंड में छह लाख 86 हजार 593 लोगों के पास फरजी राशन कार्ड हैं. ये ऐसे लोग हैं, जिनके परिवार की सालाना आमदनी एक लाख रुपये से भी अधिक है. फिर भी पहुंच व पैरवी के बल पर इन लोगों ने बीपीएल कार्ड बनवा रखा है. इन्हीं के दबाव में आज तक इनके फरजी कार्ड रद्द नहीं हो...
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बीपीएल सूची टंगी दीवारों पर
डौंडी. छत्तीसगढ़ शासन के आदेशानुसार फर्जी राशन कार्डधारियों पर नकेल कसने के लिए नगर पंचायत डौंडी द्वारा बीपीएल कार्डधारियों का नाम उनके घरों के सामने लिखा जा रहा है। सीएमओ राजेन्द्र कुमार नायक ने बताया कि वर्ष 91, 92, 87, 88, 2001, 02, 07, 08 में शासन द्वारा गरीबों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सस्ते दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने योजना चलाई गई। किंतु इस योजना का कई लोग...
More »भोजन का अधिकार विधेयक-छूट ना जाये पत्तल में छेद
भोजन के अधिकार बिल पर चर्चा चल निकली है और अपनी निष्ठा जताते हुए सरकार ने उसको अमली जामा पहनाने की कवायद शुरु कर दी है। ऐसे में नागरिक-संगठनों के कार्यकर्ता और गंवई समस्याओं के गहरे जानकार विशेषज्ञों को यह आशंका सता रही है कि पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लक्ष्य से जुड़ा यह महत्वाकांक्षी बिल अपने मूल मंतव्य से चूककर कहीं सूरदास को सूंघाने के लिए कढ़ाही में...
More »भोजन का अधिकार
खास बात · खाद्य सुरक्षा विधेयक में कहा गया है कि देश के ग्रामीण क्षेत्र के 75 फीसदी और शहरी क्षेत्र के 50 फीसदी लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस आबादी का वर्गीकरण दो कोटिय़ों- प्राथमिक(priority) और सामान्य(general)- के रुप में किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र से 46 फीसदी लोगों को प्राथमिक वर्ग में रखा जाएगा जबकि शहरी क्षेत्र से 28 फीसदी लोगों को। बाकी जन दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य वर्ग में माने जायेंगे। विधेयक के...
More »कर्ज का फंदा
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट [inside]Key Indicators of Situation Assessment Survey of Agricultural Households in India (January, 2013- December, 2013)[/inside] के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य़: http://www.im4change.org/siteadmin/tinymce//uploaded/Situation%20Assessment%20Survey%20of%20Agricultural%20Households%20in%20NSS%2070th%20Round.pdf --- तकरीबन साढ़े चार हजार गांवों के सर्वेक्षण पर आधारित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 70वें दौर की इस रिपोर्ट के अनुसार आंध्रप्रदेश में कर्ज में डूबे किसान-परिवारों की संख्या सबसे ज्यादा((92.9%) है। तेलंगाना के 89.1% किसान परिवार कर्ज में डूबे हैं जबकि तमिलनाडु में कर्ज के बोझ...
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