देश में आर्थिक सुधारों की झड़ी लगाते हुए मनमोहन सरकार ने खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) और डीजल की कीमत में वृद्धि आदि को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन इसके साथ यह कहते हुए कि एफडीआइ को लागू करने और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को कम करने का फैसला राज्य सरकारें अपने स्तर पर कर सकती हैं, एक तरह की रणनीतिक राजनीतिक भी शुरू कर...
More »SEARCH RESULT
सपा के यू टर्न से कांग्रेस को राहत
नयी दिल्ली: एफडीआई पर समाजवादी पार्टी के यू-टर्न से केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिल गई है. समाजवादी पार्टी ने साफ किया है कि अगर कांग्रेस शासित राज्यों को इस नीति से फायदा होता दिखा तो वो भविष्य में उत्तर प्रदेश में भी विदेशी किराना को मंजूरी दे सकते हैं. समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने एबीपी न्यूज से बातचीत में माना कि उनकी पार्टी का विचार है कि विदेशी किराना...
More »नया कंपनी राज- पुष्परंजन
जनसत्ता 31 मई, 2012: इसे ‘केला गणतंत्र’ कहें तो कई लोगों को आपत्ति हो सकती है। लेकिन दिशाहीन राजनीति और डोलती अर्थव्यवस्था के लिए ‘बनाना रिपब्लिक’ जैसे शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अमेरिकी लेखक ओ हेनरी ने 1904 में अपनी पुस्तक ‘कैबेज एंड किंग्स’ में किया था। ओ हेनरी 1896-97 में बैंक घोटाले के एक मामले में अमेरिका से गायब हो गए थे, और होंडुरास में शरण ली थी। उस दौरान मध्य अमेरिकी...
More »मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र मे एफडीआई के मुद्दे पर सरकार को जाना होगा: जद यू
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (एजेंसी) मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: और डीजल की कीमतों में वृद्धि पर सरकार और विपक्ष में तानातनी के बीच जद यू ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस खतरनाक कदम पर सरकार को जाना होगा। सरकार की नीतियों के खिलाफ गैर संप्रग दलों के 20 सितंबर को समन्वित विरोध प्रदर्शन का दावा करते हुए जदयू अध्यक्ष शरद...
More »किसी भी कीमत पर एफडीआई स्वीकार नहीं
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी आज इस चेतावनी के साथ सडकों पर उतरीं कि अगर संप्रग सरकार खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), डीजल की कीमतों में वृद्धि और सस्ते एलपीजी की संख्या सीमित करने के फैसले को वापस नहीं लेती है तो उनकी पार्टी 72 घंटे की निर्धारित समय सीमा के समाप्त होने के बाद कठोर फैसले करेगी. बनर्जी ने रैली में कहा, ‘‘हमने इन मुद्दों पर...
More »