विश्व की 200 सबसे बड़ी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों में से 56 भारत में हैं। यह बात फोर्ब्स की सालाना सूची में कही गई, जिसमें 579 कंपनियों के साथ अमेरिका शीर्ष पर है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज फोर्ब्स की 2015 की ग्लोबल 2000 सूची में 56 भारतीय कंपनियों में अग्रणी है। इस सूची में विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है और इससे स्पष्ट...
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सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »याराना पूंजीवाद का खेल- धर्मेन्द्रपाल सिंह
एक ओर मामूली चोरी के आरोप में देश भर की जेलों में हजारों कैदी बरसों से सड़ रहे हैं, दूसरी तरफ जनता को अरबों रुपए का चूना लगाने वाले कॉरपोरेट जगत के सफेदपोश अपराधी छुट््टा घूम रहे हैं। खुली अर्थव्यवस्था का यह कड़वा सच जगजाहिर है। इस सच के साथ कुछ अपवाद भी जुड़े हैं। ‘सत्यम कंप्यूटर्स' के संस्थापक और उसके पूर्व प्रमुख बी रामलिंग राजू का मामला अपवाद की...
More »तंबाकू का अर्थशास्त्र- पुष्परंजन
पूरी दुनिया को पता है कि विल्स कंपनी सिगरेट और तंबाकू का कारोबार करती है। अगर कोई विल्स की टी-शर्ट पहने, तो संदेश यही जाता है कि वह इस कंपनी के उत्पाद का प्रचार कर रहा है। ऐसे कई सारे फोटो इंटरनेट पर अब भी मौजूद हैं, जिनमें क्रिकेट के भगवान कहे गए सचिन तेंदुलकर विल्स की टी-शर्ट पहने हुए हैं। यों भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने पांच-छह साल पहले इसकी...
More »अदूरदर्शी नीतियों से बदहाल किसान - रमेश दुबे
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर पर आयोजित रैली के दौरान एक किसान की खुदकुशी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि खेती-किसानी की बदहाली पर संजीदा होने के बजाय सभी पार्टियां सियासी रोटी सेंकने में जुट गई हैं। जहां 'आप" दिल्ली पुलिस के बहाने केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है, वहीं कुछ भाजपा विरोधी कह रहे हैं कि यदि राजस्थान...
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