नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : देश की शिक्षा में गुणवत्ता का अभाव है। इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। चीन, कोरिया, इंग्लैंड की तर्ज पर भारत में भी तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए। रोजगारपरक शिक्षा मिलने से देश के युवा सही दिशा में अग्रसर हो सकेंगे। यह विचार इंडिया हैबिटेट सेंटर में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन ने व्यक्त किए। प्रो. सेन को राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय...
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गांवों को जोड़ने पर खर्च होंगे 1000 करोड़
आगामी पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक नयी योजना शुभारंभ करने का निर्णय लिया है। इस योजना में 1000 करोड़ रुपया खर्च कर गांव में सड़क संयोग के लिए 300 सेतु का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में संपृक्त निर्णय लिया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिन पहले प्रत्येक गांव में कंकरीट सड़क निर्माण के...
More »टीसीएस के लिए सभी किसान तैयार
इंदौर। सुपर कॉरिडोर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के कैम्पस के लिए 100 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का वादा मंगलवार को पूरा हो जाएगा। सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों से हुई बातचीत के बाद किसानों ने अपनी-अपनी जमीन टीसीएस के लिए देने की हामी भर दी। अब प्रशासन मंगलवार को गांव में विशेष कैम्प लगाकर हाथोहाथ रजिस्ट्री करेगा। 100 एकड़ जमीन में 39 परिवार शामिल हैं लेकिन ज्यादातर संयुक्त परिवार हैं। इसलिए अधिकारियों...
More »उपेक्षित रही है पहाड़ की खेती: राधा भट्ट
पहाड़ की खेती सदा उपेक्षित रही है। कड़ी मेहनत के बावजूद यहां के काश्तकारों के लिए खेती लाभकारी नहीं बन सकी। यह बात गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली की अध्यक्ष राधा भट्ट ने कही। सुश्री भट्ट विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 88वें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पहाड़ का काश्तकार का परिवार पलायन करता आया है। एक तो...
More »बालश्रम का कलंक- निशिकांत ठाकुर
आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी जो बातें भारत के लिए शर्म की बड़ी वजह बनी हुईं हैं बालश्रम को अगर उनमें सबसे ऊपर रखा जाए तो गलत नहीं होगा। आज भी हमारे देश में करोड़ों बच्चे खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने की उम्र में खेतों से लेकर होटलों और खतरनाक उद्योगों तक में अत्यंत विकट परिस्थितियों में जीतोड़ मेहनत करने के लिए मजबूर हैं। बेफिक्री की उम्र में ही उनके ऊपर इतनी...
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