"पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं" वाली कहावत सुनकर मैं अक्सर सोचता हूं कि पालने में नामुराद पांव ही क्यों देखे जाते हैं? शायद, इसलिए कि पांव देखने से पूत के चाल-चलन का पता चलता है। भान होता है कि पूत के पांव आगे किस ओर जाएंगे, कहां रूके-टिकेंगे और कहां फिसलेंगे। चूंकि नई सरकार और उसके मुखिया ने अभी बस सौ दिन पूरे किए हैं, सो उसके...
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किसानों की कब्रगाह बन रहा है पंजाब-
हरित क्रांति ने भारतीय कृषि की तसवीर बदल दी. एक वक्त था, जब अनाज संकट से निबटने के लिए लाल बहादुर शास्त्री को लोगों से एक जून उपवास रखने की अपील करनी पड़ी थी, वहीं आज देश के गोदाम अनाजों से इतने भरे हैं कि रखने की जगह कम पड़ जाती है. लेकिन, यह बदलाव लानेवाले किसानों का क्या हुआ? आज किसान किस संकट से जूझ रहे हैं, इसे समझने...
More »एक मुट्ठी चावल से बनी एक करोड़ की पूंजी- मो. इमरान खान
मो. इमरान खान, नारायणपुर। जिले के किसानों ने घर-घर से एक-एक मुट्ठी चावल जुटाकर आठ साल में करीब एक करोड़ रुपए की पूंजी बना ली है। इस रकम से वे न केवल खेती और पशुपालन के लिए कर्ज लेते हैं बल्कि समिति से बाहर के किसानों को भी कर्ज देते हैं। यह मुहिम 2006 से शुरू हुई। शुरू में हर परिवार की महिला रसोई से रोजाना एक मुट्ठी चावल समिति के...
More »एक मुट्ठी चावल से बनी एक करोड़ की पूंजी- मो. इमरान खान
मो. इमरान खान, नारायणपुर। जिले के किसानों ने घर-घर से एक-एक मुट्ठी चावल जुटाकर आठ साल में करीब एक करोड़ रुपए की पूंजी बना ली है। इस रकम से वे न केवल खेती और पशुपालन के लिए कर्ज लेते हैं बल्कि समिति से बाहर के किसानों को भी कर्ज देते हैं। यह मुहिम 2006 से शुरू हुई। शुरू में हर परिवार की महिला रसोई से रोजाना एक मुट्ठी चावल समिति के...
More »रियायत किसे और मुनाफा किसका? - विजय सिंघवी
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में विकसित देशों के दबाव के आगे नहीं झुकने के अपने निर्णय को जायज ठहराया। उनका तर्क था कि हम खाद्यान्न सबसिडी में ज्यादा कटौती करते हुए देश के लाखों छोटे किसानों की आजीविका को जोखिम में नहीं डाल सकते थे। उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मोदी के इस विचार का पुरजोर स्वागत किया। जहां तक...
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