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आम महोत्सव: किसानों और कृषि उद्यमियों के साथ ही आम प्रेमियों को भी मिल रहा एक बेहतरीन मंच

गाँव कनेक्शन,7जुलाई  किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के लिए आयोजित आम महोत्सव में यूपी ही नहीं देश के अलग-अलग प्रदेशों के किसान शामिल हुए लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में लगा आम महोत्सव सभी के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आम महोत्सव में अलग अलग तरह के स्टॉल लगे हैं। सबसे खास बात यह है कि महोत्सव लगे हुए स्टालों की तादाद 75 हैं, क्योंकि भारत को...

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ग्राउंड रिपोर्ट: पिछले 122 सालों में सबसे विनाशकारी बाढ़, उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश में बाढ़ की दूसरी लहर से 40 लाख से ज्यादा प्रभावित

गाँव कनेक्शन, 6 जुलाई बाढ़ ने एक बार फिर बांग्लादेश को प्रभावित किया है। यहां 70 लाख से ज्यादा लोगों को खाद्य आपूर्ति, आश्रय और बाढ़ राहत की तत्काल जरूरत है। देश का उत्तर-पूर्वी डेल्टा क्षेत्र, खासतौर पर सिलहट, सबसे बुरी तरह प्रभावित है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें याद नहीं कि कभी इससे पहले उन्होंने ऐसी विनाशकारी बाढ़ देखी हो। देश इस साल मई से बाढ़...

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मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, लेकिन खरीफ की बुआई अभी भी प्रभावित

डाउन टू अर्थ,1जुलाई  जून माह बीतने के बावजूद 347 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है और धान की बुआई 27 प्रतिशत पिछड़ी हुई है.   जून के अंतिम सप्ताह में मॉनसून की बारिश ने रफ्तार पकड़ी, लेकिन अभी भी 49 प्रतिशत (345) जिलों में बारिश सामान्य से कम हुई है। 76 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। बारिश न होने के कारण...

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सतत विकास लक्ष्य: साढ़े तीन दशक पीछे चल रहा है एशिया-प्रशांत, जलवायु परिवर्तन के मामले में 6 अंक पिछड़ा भारत

-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और कोविड-19 महामारी ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाला है, जिसका प्रभाव सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) पर भी साफ देखा जा सकता है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट “एशिया एंड द पैसिफिक एसडीजी प्रोग्रेस रिपोर्ट 2022” से पता चला है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र अपने एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तय समय सीमा यानी...

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जलवायु संकट में भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना

-आइडियाज फॉर इंडिया, सभी देशों की तरह भारत के लिए भी, जलवायु परिवर्तन एक अत्यंत तेजी से बढती समस्या बन गई है। इस लेख के जरिये पिल्लई एवं अन्य तर्क देते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना करने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत के संविधान में जलवायु संबंधी कई क्षेत्रों में राज्यों के महत्वपूर्ण कर्त्तव्य निर्धारित किये गए हैं। वे जलवायु नीति में संस्थागत सुधार...

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