यह कहानी है नागपुर तालुका के गांव वलनी के लोगों की। वलनी में उन्नीस एकड़ का एक तालाब है। वलनीवासी 1983 से आज तक वे अपने एक तालाब को बचाने के लिए अहिंसक आंदोलन चला रहे हैं। छब्बीस वर्ष गवाह हैं इसके। न कोई कोर्ट कचहरी, न तोड़ फोड़, न कोई नारेबाजी। तालाब की गाद-साद सब खुद ही साफ करना और तालाब को गांव-समाज को सौंपने की मांग। हर सरकारी...
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बचा लें जल, बचा लें जीवन
आज विश्व जल दिवस है। हर साल यह दिन 22 मार्च को स्वच्छ पानी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। इस बार जल दिवस की विषय-वस्तु है, पेय जल की गुणवत्ता। पानी के महत्व का अहसास प्यास लगने पर ही होता है। पानी का कोई विकल्प नहीं है। इसकी एक-एक बूंद अमृत है। विश्वास करें, अगर अमृत है, तो यही है। अत:...
More »तिल-तिल मार रहा क्रोमियम
कानपुर [जासं]। शहर में बड़ी आबादी प्रदूषित पानी पी रही है। जूही व नौरेया खेड़ा के भूगर्भ जल में घुला क्रोमियम पनकी तक पहुंच गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जाच में पनकी में डंकन इंडस्ट्रीज के बाहर हैंडपंप में एक लीटर पानी में क्त्रोमियम की मात्रा 0.061 मिली। यह नया इलाका है, जहा पानी में क्रोमियम चिह्नित किया गया है। कई लोग पहुंचे अस्पताल क्रोमियमयुक्त पानी पीने और...
More »गढ्डे के पानी से प्यास बुझा रहे 200 परिवार
जमशेदपुर [मनोज सिंह]। भले ही शुद्ध पेयजल हर नागरिक का मौलिक अधिकार हो, लेकिन शहर के पाश इलाके भाटिया बस्ती से सटी बागेबस्ती में रहने वालों के लिए यह मजाक बनकर रह गया है। इस बस्ती के 200 से अधिक परिवारों के लिए शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। जीवनदायिनी खरकई नदी का दुर्गध व कीड़ा युक्त पानी बजाए जीवन देने के बीमारी का कारण बन गया है। बस्ती में उत्क्रमित मध्य विद्यालय...
More »पुरखों की जमीन दी, बदले में क्या मिला.. !!
राउरकेला स्टील प्लांट की स्थापना के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू और जयपाल सिंह मुण्डा आए थे और गांव वालों को समझा बुझा कर विकास के नाम पर जमीन ले लिया था. आज पचास सालों के बाद विस्थापितों के हालात भिखमंगों की तरह हो गई है. उन्ही विस्थापितों में से एक हैं लुसिया तिर्की जो मंदिरा डैम से उजाड़ दी गई. उनका कहना है कि जमीन का कागज अभी तक...
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