-न्यूजक्लिक, ‘देश की लाइफ लाइन’ कहे जानी वाली भारतीय रेल फिलहाल प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षित घर वापसी में एक चुनौती बनी हुई है। कभी रास्ता भटक जाना तो कभी यात्रा के दौरान हो रही मौतें लगातार रेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक लगभग 40 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने गंतव्य स्थान की बजाय कहीं और पहुंच गई तो वहीं पिछले 48 घंटों में इन ट्रेनों में...
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प्रवासी मजदूरों के संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया, केंद्र और राज्यों को मुफ्त खाना, आश्रय और परिवहन देने का कहा
-द प्रिंट, मजदूरों के संकट में हस्तक्षेप करने से मना करने के कई हफ्तों बाद सुप्रीम कोर्ट ने ‘देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और दुखों’ का स्वत: संज्ञान लिया. जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एम आर शाह की खंडपीठ ने मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लिया, जिसमें प्रवासी मजदूरों के पैदल चलने और सैकड़ों किलोमीटर साइलकिल चलाकर घर वापस जाने को दिखाया गया था. कोर्ट ने यह...
More »लू लगना असल में होता क्या है और क्यों यह खतरनाक है?
-सत्याग्रह, हमारे पिताजी का प्रिय जुमला था, ‘चलो, जरा इस स्साले की लू उतारते हैं…’ कोई ज्यादा अकड़ दिखाये, बदमाशी करे, आंय-बांय बोले तो वे मानते थे कि इसके दिमाग में गर्मी चढ़ गई है जिसे समय रहते ठंडा करने की आवश्यकता है वर्ना इसका दिमाग स्थाई तौर पर खराब हो सकता है. ‘किसी की लू उतारना’ यह कहावत एक हद तक मेडिकली भी सही तथ्यों पर आधारित है. लू (हीट स्ट्रोक)...
More »लॉकडाउन से रोजगार खतरे में!
अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU) के विभाग ‘सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट’ द्वारा जारी अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन का कामकाजी लोगों की आजीविका पर बहुत बुरे प्रभाव पड़े हैं. हाल ही में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट ने सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर देश भर में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. आजीविका पर प्रभाव 13 अप्रैल, 2020 और 9 मई, 2020 के बीच टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम...
More »कोरोना संकट से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मोदी सरकार के पास क्या हैं रास्ते
-बीबीसी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को केंद्र सरकार की ओर से आए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज़ को नाकाफ़ी बताया है. उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर से 10 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का दस फीसदी वाला पैकेज़ जारी होना चाहिए क्योंकि वर्तमान पैकेज़ ने कई क्षेत्रों जैसे ग़रीबों, प्रवासियों, किसानों, मजदूरों, कामगारों, छोटे दुकानदारों, और मध्य वर्ग की उचित मदद नहीं की है. वहीं, बीजेपी की...
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