वित्त मंत्रालय द्वारा प्रकाशित इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, वर्ष 2009 से 2012 में प्रति वर्ष संगठित क्षेत्र में मात्र 5 लाख रोजगार का सृजन हुआ है. हमारे श्रम बाजार में प्रति वर्ष एक करोड़ युवा प्रवेश कर रहे हैं, पुराना बैकलॉग कम से कम 6 करोड़ का है. क्या कारण है कि हम केवल 5 लाख रोजगार प्रति वर्ष सृजित कर रहे हैं? कारण है कि कंपनियों द्वारा मशीनों का...
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जजों की नियुक्ति में धांधली पर हाईकोर्ट से जवाब तलब
जजों की नियुक्ति के लिए दिल्ली में हुई न्यायिक सेवा परीक्षा-2014 के मूल्यांकन में धांधली के आरोप लगे हैं। इससे संबंधित एक रिट याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने अंतिम चरण के इंटरव्यू पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन कहा कि नतीजे याचिका के निपटारे पर निर्भर करेंगे। इंटरव्यू 7 जुलाई को होना है। जस्टिस...
More »किराये की कोख बढ़ता कारोबार घपले हजार
पिछले कुछ समय में सरोगेसी का कारोबार तेजी से फैला है। दुनिया भर से जोड़े भारत में कुकुरमुत्ते की तरह उगते आईवीएफ क्लिनिक्स में आते हैं, जहां किराये की कोख उपलब्ध होती हैं और वे उन्हीं के जरिये अपने बच्चों को जन्म देते हैं। पर इस कारोबार के लिए न तो कोई कानून है और न ही कोई निगरानी तंत्र, जिसकी वजह से इसमें शोषण भी बहुत होता है। पेश...
More »जलवायु बदलने का असर पेड़ों पर, 2-4 फीट घट गई लंबाई
हेमंत नामदेव, जबलपुर(मध्यप्रदेश)। जलवायु परिवर्तन का असर अब पेड़-पौधों की लंबाई पर दिखने लगा है। पेड़-पौधों की लंबाई 2-4 फीट तक घट गई है। यह खुलासा जबलपुर स्थित उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान के वैज्ञानिकों के शोध में हुआ है। लंबाई घटने का कारण तापमान में लगातार बढ़ोतरी है। बढ़े तापमान से पेड़ों की पत्तियां झुलस रही हैं । इसकी वजह से पनपते पेड़-पौधे सही ढंग से प्रकाश संश्लेषण नहीं कर पा...
More »शिक्षा को 'व्यापार' बनाने के खतरे - हरि जयसिंह
कहा जाता है कि विकास केवल स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में ही संभव है। शैक्षिक और अकादमिक जगत के लिए भी यह सच है। शैक्षिक जगत में स्वतंत्रता और पारदर्शिता को केवल तभी कायम रखा जा सकता है, जब महत्वपूर्ण पदों पर चयन और नियुक्तियों में केवल और केवल योग्यता का खयाल रखा जाए और किसी तरह का कोई पक्षपात न किया जाए। वास्तव में गुणवत्ता के मानदंड शैक्षिक प्रक्रिया...
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