सामाजिक कार्यकर्ता अशोक भगत अपने वैचारिक आधार से ज्यादा गांवों के विकास का आधार तैयार करने के लिए जाने जाते हैं. 1983 में उन्होंने देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक गुमला के बिशुनपुर से विकास भारती नामक संस्था बना कर ग्राम विकास के काम की शुरुआत की. आज इस संस्था की राज्य के हर जिले में उपस्थिति है. विकास भारती का 30 वां साल चल रहा है. लंबी यात्र...
More »SEARCH RESULT
जांबाज फौजी का उपचार खर्च- सेना की ना
आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए घायल होने वाले एक कमांडो की सहायता के लिए ऑनलाईन अर्जी की शुरुआत की गई है।26/11 के मुंबई आंतकी हमले में घायल होने के कारण इस कमांडो को लकवा मार गया है और उसे मदद की गुहार लगानी पड़ रही है। होटल ओबेरॉय में चले अभियान के दौरान एक ग्रेनेड धमाके में एनएसजी कमांडो पी वी महेश घायल हुए और उन्हें लकवा मार गया। इस वीरता के लिए शौर्यचक्र हासिल...
More »गर्भावस्था है किशोरियों में मौत का सबसे बड़ा कारण
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक किशोरियों में मौत का सबसे बड़ा कारण कम उम्र में उनका गर्भ धारण करना होता है. सेव द चिल्ड्रिन नाम की संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रसव के दौरान संक्रमण या बीमारी के चलते 10 लाख किशोरियों की मौत हो जाती है या वे किसी न किसी रूप से जख्मी हो जाती हैं. इस समस्या का सबसे बड़ा कारण गर्भनिरोधकों तक पहुँच न...
More »विकास का पैसा कहां जाता है- विनीत नारायण
राज्य सरकारों ने 'वाटरशेड’ कार्यक्रम की जो रिपोर्ट भेजी है, उससे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश सहमत नहीं हैं। बंजर भूमि, मरूभूमि और सूखे क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के लिए केंद्र सरकार हजारों करोड़ रुपये राज्य सरकारों को देती आई है। लेकिन जिले के अधिकारी और नेता मिलीभगत से सारा पैसा डकार जाते हैं। झूठे आंकड़े राज्य सरकारों के माध्यम से केंद्र सरकार को भेज दिए जाते हैं। आईआईटी के पढे़ श्री रमेश को कागजी...
More »इस शख्स की कहानी है इंटरेस्टिंग, पढ़कर आप कहेंगे 'गजब' यार!- लक्ष्मीकांत सिंह
गोपालगंज। ब्रेन ट्यूमर के कारण आंखों की रोशनी चली गई, पर सकलदीप के इरादे टस से मस नहीं हुए। ट्यूमर से जूझते हुए नेत्रहीन सकलदीप गांवों में घर-घर शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं। वे चाहते हैं कि हर घर का चिराग रौशन हो। इसके लिए वह नेत्रहीनता को मात देते हुए भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उनका मानना है कि ज्ञान दान से बड़ा कुछ भी नहीं। उनकी पाठशाला बगीचे...
More »