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गांवों में मुआवजा शिविर पर उठने लगे सवाल

रबूपुरा, संस : यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा गांवों में लगाए जा रहे मुआवजा शिविरों पर किसान उंगुली उठाने लगे हैं। इससे परेशान किसानों ने बुधवार को निलौनी गांव में पंचायत हुई। पंचायत को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष नत्थीराम शर्मा ने कहा कि बार-बार चेतावनी के बावजूद प्राधिकरण अपने रवैये में सुधार नहीं कर रहा है। मुआवजा बांटने की प्रक्रिया में सोमवार को निलौनी गांव में शिविर लगा, लेकिन कर्मचारियों ने एक...

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बिसरख के किसानों ने उखाड़े बिल्डरों के टेंट

ग्रेटर नोएडा, संवाददाता : आबादी की समस्या का समाधान न होने से नाराज बिसरख गांव के किसानों ने बृहस्पतिवार को प्राधिकरण का काम रोक दिया। इस दौरान किसानों ने बिल्डर के टेंट भी उखाड़ फेंके। किसानों ने चेतावनी दी कि समस्या का समाधान होने तक निर्माण कार्य नहीं चलने देंगे। तीस मई को गांव में किसानों की पंचायत होगी। बिसरख गांव की जमीन पर बिल्डरों को भूखंड आवंटित किए गए हैं। किसानों का आरोप है...

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वैज्ञानिक युग में भी नक्षत्रों के आधार पर खेती

पटना वैज्ञानिक युग में भी नक्षत्रों पर कृषि निर्भर है। इसके आधार पर ही खेती होने की स्थिति में पैदावार में वृद्धि के साथ ही फसल को कीड़ों के प्रकोप से बचाया जा सकता है। सरकारी कृषि फार्म में भी रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा तैयार करने के लिए बीज गिराए गए हैं। फार्म में खेती के लिए 8 करोड़ रुपये विमुक्त किए गए हैं। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार धान का विचड़ा डालने के...

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गोत्र विवाद: किसान संगठन आमने-सामने

राजधानी हरियाणा. हरियाणा में गोत्र विवाद उग्र रूप धारण करता जा रहा है। खाप-पंचायतों की जाट समाज संगठनों को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी के बाद अब किसान संगठन आमने-सामने हो गए हैं। भारतीय किसान यूनियन व अखिल भारतीय किसान सभा में विवाद गहरा गया है। बुधवार को सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णस्वरूप गोरखपूरिया ने कहा कि भाकियू अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत ने हरियाणा आकर गोत्र विवाद भड़काया तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।...

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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