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छोटे राज्यों के बड़े प्रश्न- रोहित जोशी

जनसत्ता 25 फरवरी, 2014 : भारत में राज्यों के पुनर्गठन का प्रश्न नया नहीं है। यह लगातार यक्ष प्रश्न बना रहा है कि आखिर इतने विविधतापूर्ण देश में राज्यों के पुनर्गठन का एक सर्व-स्वीकार्य और जायज तार्किक आधार क्या हो? साथ ही पृथक तेलंगाना का यह विवाद भी नया नहीं है और जितना हो-हल्ला इस मसले पर हमने पिछले दिनों में देखा उसकी एक लंबी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। 1956 में संसद...

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मंडियों में फसल आते ही सरकारी गोदामों से गेहूं की बिक्री बंद - आर एस राणा

खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत मध्य प्रदेश में गेहूं की बिक्री सरकार ने बंद कर दी है जबकि अन्य राज्यों में फ्लोर मिलों को गेहूं बेचने के लिए दो ओर निविदा जारी की जाएंगी। ओएमएसएस के तहत अभी तक केवल 50 लाख टन गेहूं की बिक्री ही हो पाई है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मध्य प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं की न्यूनतम...

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मनरेगा श्रमिकों को एक अप्रैल से प्रतिदिन 157 रुपये मजदूरी

भोपाल : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मध्यप्रदेश में रोजगार कार्डधारी श्रमिकों को एक अप्रैल से न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 157 रुपये की दर से मिलेगी. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने निर्देश दिए हैं कि मनरेगा श्रमिकों को एक अप्रैल से बढ़ी हुई दरों पर मजदूरी भुगतान के बारे में सूचना व्यापकता से पहुंचाई जाए. फिलहाल इस योजना में न्यूनतम मजदूरी दर 146 रुपये प्रतिदिन...

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रिकॉर्ड अनाज पैदावार से टूटा किसानों का सपना - आर एस राणा

देश में 26.32 करोड़ टन खाद्यान्न की रिकॉर्ड पैदावार के अनुमान से जहां केंद्र सरकार की बांछें खिली हुई हैं, वहीं खाद्यान्न का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है। पैदावार ज्यादा होने के अनुमान से कई जिंसों की बिकवाली किसानों को मजबूरन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 12-20 फीसदी नीचे दामों पर करनी पड़...

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नवउदारवाद से उपजी चुनौतियां- प्रभात पटनायक

जनसत्ता 22 फरवरी, 2014 : यूपीए सरकार और राजग सरकार और यहां तक कि ‘तीसरे मोर्चे’ की अल्पायु सरकार भी आर्थिक नीतियों के मामले में एक जैसी ही रहीं। आज भी, जब चुनावी विकल्प के रूप में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी का शोरशराबा हो रहा है, आर्थिक नीतियों के स्तर पर शायद ही कोई बुनियादी फर्क हो। सच्चाई तो यह है कि मोदी खुद इस बात पर जोर देते...

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