रायपुर. वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में इस बार सरकार किसानों के लिए बड़ा ऐलान करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह 8 फरवरी को विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान किसानों को ब्याज मुक्त लोन देने की घोषणा कर सकते हैं। अभी उन्हें एक प्रतिशत ब्याज पर लोन देने का प्रावधान है। मुख्य बजट के साथ कृषि का बजट अलग...
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अगले सीजन के लिए गन्नामूल्य में मामूली बढ़त
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2014 से शुरू होने वाले आगामी पेराई सीजन के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में मामूली 10 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 220 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की गुरुवार को हुई बैठक में पेराई वर्ष 2014-15 के लिए गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी की गई, लेकिन चीनी मिलों को 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव...
More »वादे से मुकरे राजीव शुक्ला, अब तक नहीं लौटाई 100 करोड़ की जमीन
मुंबई केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने उन्हें कौड़ियों के भाव मिली 100 करोड़ रुपये की जमीन वापस लौटाने के अपने वादे को अभी तक पूरा नहीं किया है। महाराष्ट्र के राजस्व विभाग के अधिकारियों से जानकारी मिली है कि यह जमीन अभी भी शुक्ला के कब्जे में है और इस पर उनके गार्ड्स तैनात हैं। हमारे सहयोगी अखबार 'मुंबई मिरर' की पड़ताल में पता चला है कि राज्य सरकार ने अभी...
More »किसने बनाया किसान को गरीब- कुसुमलता केडिया
भारत की हजारों वर्षों की जिस संपन्नता की बात की जाती है, वह मुख्यतया किसानों, शिल्पियों और व्यापारियों पर टिकी थी। राजकोष में आने वाले धन का सबसे बड़ा हिस्सा किसानों से प्राप्त होता था। मनु-स्मृति, विष्णुधर्मसूत्र, गौतमधर्मसूत्र आदि में स्पष्ट व्यवस्था है कि सामान्यतया राज्य कृषि उत्पादन का बारहवां अंश लेगा। अगर कोई विशेष संकट उपस्थित हो तो आठवां या छठा अंश भी मांगा जा सकता है। कभी-कभार ही...
More »जल संकट का समाधान भागीदारी बिना नहीं - ज्ञानेन्द्र रावत
तकरीबन तीन दशक पहले तक जहां पानी सहज-सुलभ था, वहां भी अब वह दुर्लभ हो रहा है। इसे भविष्य की विकट चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए। यह स्थिति उस वस्तु के अभाव की है, जो हमारे जीने की जरूरी शर्त है और जिसका कोई दूसरा विकल्प नहीं। एक सतही और मोटी बात तो यह है कि जब आजादी के बाद के छह दशकों में देश की आबादी तिगुनी हो गई...
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