वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...
More »SEARCH RESULT
विकास की छांव को तरसता मुंडा का गांव
सूबे के विकास का नक्शा तैयार कर रहे झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का अपना गांव बदहाल है.जीएस सिंह के साथ अनुपमा की रिपोर्ट सरायकेला-खरसावां. झारखंड और देश के बाहर इस इलाके की पहचान प्रसिद्ध छउ नृत्य कला के लिए है. यहां के छउ नृत्य गुरु पद्मश्री केदार साहू की ख्याति दुनिया भर में हुई. लेकिन अब सरायकेला-खरसांवा की एक और पहचान भी है. यह राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा...
More »सूचना अराजकता का ‘राज’स्थान- शिरीष खरे(तहलका)
मुख्यमंत्री कार्यालय सहित ज्यादातर विभागों में देरी से जवाब, गोलमोल जवाब या जवाब ही न देने का रवैया सूचना के अधिकार को सबसे पहले लागू करने वाले राजस्थान में इस अधिकार को बेमानी बना रहा है. शिरीष खरे की रिपोर्ट बीते 11 अक्टूबर यानी सूचना के अधिकार कानून के छह साल पूरे होने से ठीक एक दिन पहले एक नये स्थान और अवसर पर वही पुराना वाकया. हरियाणा के हिसार...
More »बत्तीस के फेर में गरीबी : इला भट्ट
अब देश की सरकार गरीबी के मानदंडों में संशोधन करने जा रही है, जैसे कि देश को पता ही न हो कि गरीबी के मायने आखिर क्या हैं! सरकार का मानना है कि शहरी क्षेत्र में एक दिन में 32 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में एक दिन में 26 रुपए से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति ‘गरीब’ नहीं माना जा सकता और इसलिए वह सरकार की विभिन्न हितकारी योजनाओं के लिए पात्र...
More »नियति है मौत!- (रिपोर्ट निराला, तहलका)
बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के दो-तीन जिलों के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार फिर जून का महीना जानलेवा साबित हुआ. रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आकर 60 से अधिक बच्चे काल के गाल में समा गए. इस बीमारी और बीमारी के बहाने प्रभावित इलाके के साथ स्वास्थ्य महकमे की पड़ताल करती निराला की रिपोर्ट आंखों देखी-कानों सुनी दोपहर करीब साढ़े तीन बजे का समय. मुजफ्फरपुर शहर का केजरीवाल मातृ...
More »